नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में जारी ओलंपिक खेलों में भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा पहली बार खेलों के महाकुंभ का हिस्सा बने और पदक की रेस में फाइनल तक का सफर तय किया। हालांकि भारत के लिये यह खिलाड़ी पदक जीत पाने में नाकाम रहा और लेकिन अपने डेब्यू ओलंपिक्स में ही फैन्स का दिल जीत लिया। टोक्यो ओलंपिक में फवाद मिर्जा ने 23वें पायदान पर रहकर अपने सफर का अंत किया।
सोमवार को घुड़सवारी के इंडिविजुअल जम्पिंग के टूर्नामेंट में फवाद मिर्जा ने अपने घोड़े मेडिकॉट के साथ फाइनल में सभी राउंड के खत्म होने पर ड्रेसेज, क्रॉस कंट्री, जम्पिंग क्वालिफायर और जम्पिंग फाइनल को पार करते हुए 59.60 पेनाल्टी अंक हासिल किये और 23वें पायदान पर खत्म किया।
इससे पहले सेमीफाइनल मैच में फवाद मिर्जा ने 25वें पायदान पर रहते फाइनल के लिये क्वालिफाई किया और डेब्यू सीजन में ओलंपिक के फाइनल तक पहुंचने वाले पहले घुड़सवार बने। फाइनल मैच में जर्मनी के जुलिया क्रजेवस्की ने अपने घोड़े अमांडे डे ब निवेल के साथ 26.00 पेनाल्टी स्कोर कर गोल्ड मेडल जीता और ओंलपिक के इतिहास में गोल्ड हासिल करने वाली पहली महिला घुड़सवार बनी।
वहीं पर ग्रेट ब्रिटेन के टॉम मैक्वेन ने अपने घोड़े टोलेडो डि कर्सेर के साथ सिल्वर और ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू हॉय ने अपने घोड़े वसिलि डे लॉसेस के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। गौरतलब है कि फवाद मिर्जा भारत की ओर से ओलंपिक का हिस्सा बनने वाले तीसरे ही घुड़सवार है। उनसे पहले 1996 में इंद्रजीत लांबा और इम्तिया अनीस ने 2000 ओलंपिक्स की घुड़सवारी प्रतिस्पर्धा में भाग लिया था।
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फवाद मिर्जा ने अपने ओलंपिक के फाइनल मैच का आगाज बाजी कोइन इक्वीस्ट्रीयन पार्क में शानदार प्रदर्शन के साथ किया और 9वें पायदान पर रहे। हालांकि सी फॉरेस्ट कंट्री कोर्स में खेले गये क्रॉस कंट्री राउंड में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिसके चलते वह 22 वें पायदान पर खिसक गये।
आपको बता दें कि इस भारतीय घुड़सवार ने 63 देशों के खिलाड़ियों के बीच हुई इस प्रतिस्पर्धा के सेमीफाइनल मैच में 47.20 पेनाल्टी अंक हासिल करते हुए 25वां स्थान अपने नाम किया। फाइनल में पहुंचने के लिये सिर्फ टॉप 25 खिलाड़ियों को ही जगह दी गई थी।