नई दिल्ली। टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में सोमवार को भारतीय महिला हॉकी टीम ने बड़ा उलटफेर करते हुए 3 बार की विश्व चैम्पियन टीम ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हराकर पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने का कारनामा किया है। मैच के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता पुनिया ने कोच जोएर्ड मरिन से मैच के पहले मिली स्पीच का खुलासा करते हुए उस बात का जिक्र किया जिसने भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक इतिहास बदल दिया। भारतीय महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये इस मैच के 22वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर गुरजीत की बदौलत गोल किया और इसी के दम पर अंत 1-0 की जीत भी हासिल की।
ओलंपिक के इतिहास में महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है जबकि रियो ओलंपिक्स में उसे क्वार्टरफाइनल से ही बाहर होना पड़ा था। ओलंपिक में 3 हार के साथ आगाज करने के बाद भारतीय टीम ने लगातार 2 जीत के साथ क्वार्टरफाइनल का टिकट कटाया तो वहीं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत की हैट्रिक पूरी कर सेमीफाइनल में भी जगह पक्की की। अब भारतीय महिला टीम का सेमीफाइनल मैच 4 अगस्त को खेला जाना है।
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पुनिया ने मैच के बाद बात करते हुए कहा,'इस मैच के बारे में हमने सिर्फ एक ही चीज सोची थी कि अपना सबकुछ झोंक देना है। हमारे पास सिर्फ यही 60 मिनट हैं जिसमें हमें अपा 100 प्रतिशत प्रयास करना है। हम एक टीम के तौर पर खेले, हमने एक दूसरे की मदद की, यहां तक कि जब हमारा एक गोल खराब हो गया उसके बावजूद हम शांत बने रहे और हम इस बात से काफी खुश हैं कि हमारी रणनीति काम कर गई हम क्वार्टरफाइनल जीतने में कामयाब रहे।'
मैच से पहले कोच की स्पीच पर बात करते हुए सविता पुनिया ने कहा कि हमारे कोच ने हमसे बस एक ही बात कही थी कि हमारे लिये यह करो या मरो कि स्थिति है, हमारे पास सिर्फ 60 मिनट है, जिसमें हम इसे इतिहास रचने वाला मैच बना सकते हैं या फिर ओलंपिक का आखिरी।
मैच की बात करें तो विश्व की नंबर 2 टीम ऑस्ट्रेलिया अपने टेबल में टॉप करके यहां पहुंची थी जबकि भारत अपने पूल में सबसे नीचे रहा था, ऐसे में भारत के लिये जीत दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी। हालांकि भारतीय टीम इस मैच में खुद को साबित करने के लिये उतरी थी और अपने प्रदर्शन के दम उसने वो करके भी दिखा दिया।