नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भाग लेने पहुंच रही अमेरिकी एथलीट शा कैरी रिचर्डसन को खेलों के महाकुंभ में भाग लेने से रोक दिया गया है। टोक्यो ओलंपिक के लिये शा कैरी रिचर्डसन ने ट्रैक एंड फील्ड के खेल में हिस्सा बनने के लिये क्वालिफाई कर लिया था लेकिन ट्रॉयल्स के दौरान इस खिलाड़ी के गांजे का सेवन करने का आरोप साबित होने के बाद उन पर बैन लगा दिया गया है। हालांकि उन पर लगे इस बैन ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। अमेरिका में गांजे का सेवन करने पर बैन नहीं है लेकिन दुनिया भर के कई देशों में इसका सेवन खराब माना जाता है।
ट्रैक एंड फील्ड के इतिहास की छठी सबसे तेज एथलीट कैरी रिचर्डसन को टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड का दावेदार माना जा रहा था हालांकि वो अब अमेरिका के रेसिंग दल का हिस्सा नहीं हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में किये रिचर्डसन के गांजे का सेवन करने का आरोप साबित हुआ जिसके बाद अमेरिका की एंटी डोपिंग एजेंसी उनकी क्वालिफाइंग जीत को रद्द करते हुए 30 दिनों का बैन लगा दिया है। उन पर लगा यह बैन ओलंपिक में होने वाली उनकी रेस से पहले समाप्त हो जाना है लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में जगह नहीं मिल सकेगी।
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वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने साल 2004 में नशीले पदार्थ जिन के सेवन पर रोक है को लेकर लिस्ट तैयार की थी जिसमें गांजा भी शामिल किया गया था, हालांकि इस पदार्थ के सेवन से शरीर के प्रदर्शन करने की क्षमता पर कोई प्रभाव पड़ता है, इसका कोई भी प्रमाण नहीं है। उल्लेखनीय है कि किसी भी पदार्थ को प्रतिबंधित दवाइयों की सूची में शामिल करने के लिये 3 में से कम से कम दो चीजों का होना जरूरी है, जिसमें से पहला है सेहत को नुकसान, प्रदर्शन में बढ़ोतरी और खेल भावना के खिलाफ।
2011 में स्पोर्टस मेडिसिन जर्नल में छपे एक आर्टिकल के अनुसार वाडा ने गांजे पर बैन लगाने के पीछे के कारणों का खुलासा करते हुए कहा था कि गांजे के इस्तेमाल से तनाव कम होता है, जिससे दबाव की स्थिति में एथलीट को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है, ऐसे में आप खिलाड़ी के मानसिक दबाव को कम करके उसकी क्षमता में बढ़ोतरी करते हैं जो कि एक प्रकार से छेड़छाड़ ही है।
वहीं पर यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्यूबेक में स्पोर्ट्स साइंस के चीफ एलेन स्टीव कोमटॉयस ने वाडा के इस कथन की आलोचना करते हुए कहा कि यह सच है कि गांजे से तनाव में कमी मिलती है लेकिन शारीरिक क्षमता कम हो जाती है। उनका मानना है कि जब एथलीट गांजे का सेवन करते हैं तो उससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और बॉडी की मेंडेटरी एक्टीविटीज में भी दिक्कत आती है।
गौरतलब है कि कई खेल विशेषज्ञों का मानना है कि वाडा को अपने प्रतिबंधित दवाओं के सेवन की लिस्ट में बदलाव करने का समय आ गया है और जैसे दुनिया भर के कई देशों ने गांजे के सेवन से बैन हटा दिया है वैसे ही इसे ओलंपिक खेलों में भी बैन की लिस्ट से हटा देना चाहिये।