नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय दल के लिये खुशखबरी आई है। खेल मंत्रालय ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों, कोच, सपोर्ट स्टाफ, अधिकारियों, भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकारी, नेशनल स्पोर्टस फेडरेशन के अधिकारियों के भारत वापस लौटने पर 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन नियम से छूट दी है। केंद्रीय स्वास्ठय मंत्रालाय के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि ओलंपिक से वापस लौटने वाले खिलाड़ियों बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के भारत आने की इजाजत दी जायेगी, जिसका मतलब है कि उन्हें घर जाने से पहले सख्त क्वारंटीन से राहत मिलेगी।
हालांकि लव ने साफ किया है कि भारत पहुंचने के बाद इन खिलाड़ियों का डीएनए सैम्पल एयरपोर्ट पर जमा कर लिया जायेगा और 14 दिनों तक मॉनिटर किया जायेगा। इस दौरान वापस लौटने वाले सभी खिलाड़ियों से अपने घर पर ही रहने की अपील की जायेगी ताकि कोरोना संक्रमित होने पर फैलने से रोका जा सके।
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लव अग्रवाल ने इसको लेकर एक लेटर लिखकर कहा,'जिन लोगों को भारत लौटने पर आरटीपीसीआर टेस्ट से छूट दी जा रही है उसमें जापान पहुंचा भारतीय दल है जिसमें भारतीय खिलाड़ी, एथलीट के कोच, सहायक स्टाफ और अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय स्पोर्टस फेडरेशन के प्रतिनिधी और कुछ मीडिया सदस्य भी शामिल है। हालांकि इस दौरान सिर्फ उन्हीं लोगों को फ्लाइट में आने की इजाजत दी जायेगी जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं नजर आ रहे होंगे।'
इसको लेकर जारी लेटर के अनुसार ओलंपिक पहुंचे भारतीय दल के सदस्य को एयरपोर्ट पर पहुंचते ही अपना सैंपल जमा कराना होगा और एक अंडरटेकिंग पर साइन करना होगा जिसके अनुसार उसे 14 दिनों के सेल्फ मॉनिटरिंग का पालन करना होगा। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को इस समाधान के लिये धन्यवाद कहा है। आईओए चीफ ने टेस्ट कराने में आ रही समस्याओं को देखते हुए इसकी मांग की थी।
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उन्होंने कहा,'टोक्यो या टोक्यो के बाहर जहां से दल ताल्लुक रखता है उसे आरटी-पीसीआर का टेस्ट कराने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां कागजी तौर पर तो सब परफेक्ट है लेकिन असल में सब कन्फ्यूजिंग है और चीजों को ठीक कर पाना काफी मुश्किल है।'