नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक में भारतीय शूटिंग दल की हालत बहुत ही बदतर रही है। भारत ने इस ओलंपिक में 15 शूटर भेजे थे और अभी तक एक भी मेडल देश के नाम नहीं हो सका है। ये कोई छोटे खिलाड़ी नहीं थे क्योंकि इन्होंने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में कमाल की परफॉर्मेंस की थी लेकिन ओलंपिक में उसको दोहरा नहीं सके। जाहिर है कई सवाल उठने लाजमी है और नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बता दिया है कि वे इन सब चीजों का एसेसमेंट करेंगे और उसके बाद जो भी निचोड़ निकलेगा उसके हिसाब से कदम उठाए जाएंगे।
इससे पहले भी भारतीय शूटिंग कैंप से जो खबरें आ रही थी वह भी बहुत अच्छी नहीं थी। खिलाड़ियों और कोच के बीच में मतभेद पाए गए जिसके चलते जसपाल राणा मनु भाकर को ट्रेनिंग देने के लिए टोक्यो में नहीं आए और उनकी जगह पर एनआरआई को पूर्व शूटर रौनक पंडित को बतौर कोच नियुक्त करना पड़ा।
कोरोनावायरस के फैलने से पहले मनु भाकर और सौरभ चौधरी सनसनी बन कर उभरे थे लेकिन वह सिंगल के साथ-साथ मिक्स इवेंट में भी फेल हुए यही हाल बाकियों का रहा, सब एक ही तरह से निराश करके जाते रहे।
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उम्मीदों का दबाव इतना था कि मनु भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल के फीमेल सिंगल इवेंट के दौरान अपनी पिस्टल में तकनीकी खराबी से पीड़ित हो गईं और उनको पांच कीमती मिनट क्वालिफिकेशन राउंड से गंवाने पड़े, साथ ही उन्होंने फाइनल राउंड में जाने का भी मौका खो दिया। हालांकि मनु भाकर के पास 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल इवेंट में वापसी करने का मौका है जिसका क्वालीफिकेशन राउंड बुधवार से शुरू होगा और यहां पर रानी सरनोबत भी होंगी।
अब ओलंपिक में भारतीय शूटिंग का दारोमदार पुरुष और महिलाओं के 50 मीटर एयर राइफल थ्री पोजिशन शूटर्स पर है। इसमें बुधवार को आप अंजुम मुद्गल, तेजस्विनी सावंत, संजीव राजपूत और ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर जैसे खिलाड़ियों को एक्शन में देख सकेंगे।
अंजू मुद्गल ऐसी पहली भारतीय एथलीट थीं जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक्स 2020 के लिए कोटा सुरक्षित किया था क्योंकि उन्होंने 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। उनकी मौजूदा रैंकिंग 3 है और चंडीगढ़ की यह लड़की एक बार फिर से मेडल की दावेदार होगी और शायद शूटिंग में भारत के सूखे का खात्मा हो पाए।