नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के चलते विश्व एथलेटिक्स ने टोक्यो ओलंपिक क्वॉलिफिकेशन पीरियड को आगे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक कर दिया है। एथलीटों के लिये यह टोक्यो ओलंपिक क्वालिफिकेशन पीरियड पहले 4 अप्रैल तक ही सीमित था जिसे बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दिया है। विश्व एथलेटिक्स ने इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा जो खिलाड़ी 2019 में शुरू हुई क्वॉलीफिकेशन प्रक्रिया से गुजर कर क्वॉलीइफाई कर चुके हैं उनका क्वॉलीफिकेशन मान्य रहेगा।
इनके साथ वो खिलाड़ी भी अब ओलम्पिक खेल सकेंगे जो बढ़ाए गए क्वॉलीफिकेशन पीरियड में खेलों के लिए क्वॉलीफाई कर पाएंगे। विश्व एथलेटिक्स की ओर से जारी किये गये बयान के अनुसार 50 किलोमीटर पैदल चाल और मैराथन के लिए क्वॉलीफिकेशन 31 मई 2021 को और बाकी स्पर्धाओं के लिए 29 जून को खत्म होंगे।
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उल्लेखनीय है कि विश्व ऐथलेटिक्स के इस फैसले से भारतीय ट्रैक ऐंड फील्ड ऐथलीटों को बड़ा झटका लगा है जो कि इस साल के आखिर में होने वाली घरेलू प्रतियोगिताओं के जरिए क्वॉलिफाई करने की उम्मीद लगाए हुए थे। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय उप मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा कि इस फैसले से कई भारतीय ऐथलीट निराश होंगे।
नायर ने कहा, 'विश्व ऐथलेटिक्स का फैसला तेजिंदर पाल सिंह तूर (गोला फेंक), अनु रानी (भाला फेंक), एम श्रीशंकर (लंबी कूद) और फर्राटा धाविका दुती चंद के लिए करारा झटका है।'
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गौरतलब है कि भारत की स्टार धाविका हिमा दास ने भी अभी तक टोक्यो खेलों के लिए क्वॉलिफाई नहीं किया है जबकि पदक के दावेदार नीरज चोपड़ा, भाला फेंक के उनके साथी शिवपाल सिंह, चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम, के टी इरफान (पुरुष 20 किमी पैदल चाल), भावना जाट (महिला 20 किमी पैदल चाल) और अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज) पहले ही ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके हैं।
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इन प्रतियोगिताओं का आयोजन हालांकि अभी सुनिश्चित नहीं है क्योंकि कोविड-19 के कारण देश भर में लॉकडाउन है। विश्व संस्था ने कहा कि जिन खिलाड़ियो ने 2019 में क्वॉलिफिकेशन दौर शुरू होने के बाद ओलिंपिक मानदंडों को हासिल किया है उन्हें अब भी क्वॉलिफाइ माना जाएगा।