हर 40 साल में ओलम्पिक खेलों पर टूटता है किसी मुसीबत का पहाड़
जापान के डिप्टी पीएम ने कहा कि इसमें कोई शक की बात नहीं है कि इस वायरस के चलते दुनिया भर में अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। ओलम्पिक में हर 40 साल में ऐसा देखने को मिलता है। हमें इस साल के खेलों को टाल या रद्द कर देना चाहिये था।
उन्होंने कहा,' ओलम्पिक खेलों का इतिहास गवाह है कि हर 40 सालों में हमें किसी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। द्वितीय विश्व युद्ध के चलते 1940 में जापान के समर और विंटर ओलम्पिक खेलों को रद्द करना पड़ा था। 1980 में हुए मॉस्को ओलम्पिक खेलों के दौरान आधे से ज्यादा यूरोपीय देशों के नाम वापस लेने के बाद इन खेलों का मजा किरकिरा हो गया था और 2020 में कोरोना वायरस के चलते यह खतरा फिर से मंडरा रहा है।'
शापित है टोक्यो में आयोजित होने वाला ओलम्पिक
इस बीच पीएम टारो एसो ने कहा कि एक बार फिर इन ओलम्पिक खेलों को 40 साल पूरे हो रहे हैं और मेरा मानना है कि यह कहना गलत नहीं होगा कि टोक्यो ओलम्पिक शापित हैं। वहीं यूनान ने ओलम्पिक खेलों को स्थगित करने की अपीलों के बीच गुरुवार को बंद दरवाजों के अंदर आयोजित किए गए समारोह में तोक्यो 2020 के आयोजकों को ओलिंपिक मशाल सौंपी। दर्शकों की गैरमौजूदगी में ओलिंपिक जिम्नैस्ट चैंपियन लेफ्टेरिस पेट्रोनियास ने मशाल लेकर दौड़ लगाई।
ओलिंपिक पोल वॉल्ट चैंपियन कैटरीना स्टेफनिडी ने पैनथैनेसिक स्टेडियम के अंदर ओलिंपिक ‘मसाल' को जलाया किया। इसी स्टेडियम में 1896 में पहले आधुनिक ओलिंपिक खेल हुए थे।
जल उठी है टोक्यो ओलम्पिक की मशाल
इसके बाद यह मशाल तोक्यो 2020 के प्रतिनिधि नाओको इमोतो को सौंप दी गई। इमोतो तैराक हैं और उन्होंने 1996 अटलांटा ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। यूनिसेफ की प्रतिनिधि इमोतो को आखिरी क्षणों में नियुक्त किया गया क्योंकि वह यूनान में रहती हैं ओर उन्हें जापान से यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ी।
पिछले सप्ताह प्राचीन ओलंपिया में मशाल प्रज्जवलित करने का समारोह भी दर्शकों के बिना आयोजित किया गया था। कोरोना वायरस के कारण कई टूर्नामेंट स्थगित कर दिए गए हैं और ओलिंपिक को भी स्थगित करने की मांग कुछ खिलाड़ी कर रहे हैं।