नई दिल्लीः भारत की बैकस्ट्रोक स्विमर माना पटेल ने भारतीय महिलाओं के स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली देश की पहली महिला बन गई हैं। इसके अलावा वे ऐसी मात्र तीसरी भारतीय हैं जिसने ओलंपिक के लिए इस खेल कैटेगरी में क्वालिफाई किया है। भारत के खेल मंत्री किरन रिजिजू ने माना की इस उपलब्धि पर ट्वीट करके यह जानकारी दी और स्विमर को बधाई दी।
रिजिजू ने ट्वीट किया, बैकस्ट्रोक स्विमर माना पटेल भारत की पहली महिला और तीसरी भारतीय तैराक बन गईं हैं जिसने टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई कर लिया है। मैं माना को बधाई देता हूं जिन्होंने यूनिवर्सिलिटी कोटो के तहत क्वालिफिकेशन हासिल किया। वेल डन।
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बैकस्ट्रोक या बैक क्रॉल तैराकी प्रतिस्पर्धी आयोजनों में उपयोग की जाने वाली चार तैराकी शैलियों में से एक है। इस तैराकी शैली में आप सांस तो आसानी से ले सकते हैं लेकिन तैराकों को यह देखने में सक्षम नहीं होने का नुकसान भी है कि वे कहां जा रहे हैं। अन्य तीन प्रतियोगिता तैराकी शैलियों से इसकी एक अलग शुरुआत भी है।
माना पटेल गुजरात के अहमदाबाद से आती हैं और वे 21 साल की हैं। 7 साल की उम्र से तैराकी कर रहीं माना ने 2009 में एशियन ऐज ग्रुप चैम्पियनशिप में 50 बैकस्ट्रोक और 200 मीटर बैकस्ट्रोक में गोल्ड हासिल किया हुआ है। माना ने 60वें नेशनल स्कूल गेम्स (2015) में बैकस्ट्रोक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 100 मीटर बैकस्ट्रोक में गोल्ड मेडल भी जीता है। माना के नाम हाल तक कईं उपलब्धियां हैं। उन्होंने अगस्त 2016 तक 11 अंतरराष्ट्रीय, 61 राष्ट्रीय और 75 राज्य स्तरीय पदक जीते हैं।