दीपक पुनिया के नाम रहा पहला हाफ
ब्रॉन्ज मेडल के इस मैच में पुनिया ने पहले 3 मिनट हाफ के दूसरे मिनट में माइल्स अमीने को जमीन पर पटक कर पहले दो अंक हासिल किये। इस दौरान माइल्स लगातार उनके पैर को निशाना बनाते नजर आये, हालांकि माइल्स ने तीसरे मिनट में पुनिया को रिंग एरिया से बाहर धकेल कर एक अंक हासिल कर लिया। पहले 3 मिनट के खेल के बाद स्कोर 2-1 का रहा।
आखिरी 10 सेकेंडस में बदल गया मैच
वहीं दूसरे हाफ में पुनिया ने शुरू से ही अटैक करना शुरू किया, हालांकि माइल्स का डिफेंस काफी मजबूत रहा। मैच के आखिरी सेकेंडस तक दोनों पहलवान ने ताकत का मुजायरा किया और पुनिया ने बढ़त को बरकरार रखा, हालांकि आखिरी 10 सेकेंडस में माइल्स ने पुनिया के पैर को पकड़ लिया और उन्हें उस मुश्किल स्थिति में पहुंचा दिया जहां से निकलना आसान नहीं था। पुनिया ने काफी देर तक बचाने की कोशिश की लेकिन आखिरी 10 सेकेंडस में माइल्स 2 अंक हासिल करने में कामयाब रहे।
समय खत्म होने के बाद पुनिया के कोच ने स्कोर को चैलेंज किया जिसके जवाब में रेफरी ने माइल्स के खाते में एक अंक और जोड़ और वो 4-2 से हार गये। इससे पहले दीपक पुनिया का सामना सेमीफाइनल मैच में अमेरिका के डेविड टेलर द थर्ड से हुआ था जिन्होंने महज 2 मिनट के अंदर 10 अंक हासिल कर लिये और पुनिया एक भी अंक हासिल नहीं कर सके थे। इसके चलते टेलर उनसे सुपरियर करार दिये गये और सेमीफाइनल मैच में जीत हासिल कर फाइनल में पहुंच गये।
सैन मरीनो के पहलवान ने पहली बार जीता ओलंपिक मेडल
हालांकि ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में पुनिया ने आखिरी 10 सेकेंडस तक हार नहीं मानी लेकिन पहली बार ओलंपिक के मेडल क्वालिफाइंग मैच में पहुंचने वाले सैन मरीनो के माइल्स नजीम ने आखिरी लम्हों में हराकर कुश्ती का पहला पदक अपने नाम कर लिया।
ओलंपिक्स में जहां दीपक पुनिया ने भारत के लिये चौथा ब्रॉन्ज मेडल डाला तो वहीं पर रवि दहिया ने भारत के लिये 57 किग्रा फ्री स्टाइल कुश्ती में रुसी पहलवान के खिलाफ फाइनल मैच में जोवुर गुरेव को जबरदस्त टक्कर दी हालांकि उन्हें 7-4 से हार का सामना करना पड़ा और वो भारत के लिये कुश्ती का सिल्वर मेडल जीत सके। रवि कुमार दहिया ने सेमीफाइनल मैच में कजाकिस्तान के पहलवान को हराकर भारत के लिये दूसरा सिल्वर मेडल पक्का किया था।