पहले ही प्रयास में नीरज ने फाइनल में बनाई जगह
भारत के लिये एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने क्वालिफिकेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे टॉप पर फिनिश किया और पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो कर फाइनल में जगह बना ली। भालाफेंक के फाइनल में जगह बनाने के लिये स्वतः क्वालिफिकेशन मार्क 83.50 मीटर था लेकिन नीरज चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में इसे पार कर गोल्ड मेडल की दावेदारी में अपनी जगह बना ली।
वहीं पर गोल्ड मेडल के सबसे पसंदीदा दावेदारों में जर्मनी के जोहान्स वेटर ने तीसरे प्रयास में 85.64 मीटर का थ्रो किया और दूसरे पायदान पर रहे। वेटर ने इस साल 7 बार 90 मीटर से ज्यादा का थ्रो किया है। हालांकि लंदन ओलंपिक्स के गोल्ड मेडलिस्ट और रियो ओलंपिक्स के ब्रॉन्ज मेडल विजेता केशोर्न वॉलकॉट टॉप 12 में जगह बनाने में नाकाम रहे और बाहर हो गये।
पाकिस्तान के नदीम अरशद ने भी फाइनल में बनाई जगह
भारत के नीरज चोपड़ा के अलावा एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले नदीम अर्शन ने भी सभी को हैरान करते हुए फाइनल में जगह बनाई। नदीम अरशद ने ग्रुप बी के क्वालिफिकेशन राउंड में 85.16 मीटर का थ्रो फेंका और उन 6 खिलाड़ियों में शुमार हुए जिन्हें स्वतः क्वालिफिकेशन मार्क के तहत फाइनल में जगह मिली।
गौरतलब है कि साल 2018 में अरशद ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें नीरज को देख कर प्रेरणा मिली है और वो उन्हीं के नक्शे कदम पर चलना चाहते हैं। एशियन गेम्स में पाकिस्तान के इस खिलाड़ी लगातार 3 सालों से ब्रॉन्ज मेडल जीता है तो वहीं पर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। अरशद सबसे पहले चर्चा में उस वक्त आये थे जब उन्होंने गुवाहाटी में खेले गये साल 2016 के साउथ एशियन गेम्स में 78.33 मीटर का थ्रो कर ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
शिवपाल सिंह ने किया निराशाजनक प्रदर्शन
भारत के शिवपाल सिंह फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। भारत के नंबर 2 भालाफेंक खिलाड़ी शिवपाल सिंह ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए महज 76.40 मीटर की दूरी ही तय की और ओलंपिक से बाहर हो गये। शिवपाल सिंह ने अपने पहले प्रयास में 76.40 मीटर की दूरी तय की और 27वें पायदान पर रहे। वाराणसी से आने वाले इस खिलाड़ी ने अपने अगले दे प्रयासों में 74.80 मीटर और 74.81 मीटर की दूरी तय की लेकिन वो अपने पहले प्रयास से बेहतर नहीं कर सके।
माना जा रहा है कि शिवपाल सिंह की कोहनी में चोट लगी है जिसके चलते वह 31 खिलाड़ियों के क्वालिफाइंग राउंड में टॉप 12 में जगह नहीं बना सके और 27वें पायदान पर रहते हुए बाहर हो गये।