नई दिल्लीः ओलंपिक के लिए टोक्यो में जाने वाली पहली भारतीय टीम को खेलों में नए नॉर्मल का स्वाद चखने को मिला है। यह एक नौकायन यानी सेलिंग टीम है जो 6 सदस्यों की है जिसमें चार नाविक और दो कोच हैं। टीम को मंगलवार को टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे पर पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में आठ घंटे से अधिक समय लगा, इसके बाद ही वे अपने होटल के लिए रवाना हो सकें।
यह असामान्य रूप से लंबा था, लेकिन चौंकने जैसा कुछ नहीं था। यही न्यू नॉर्मल है। इस बारे में भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के प्रेसीडेंट नरेंद्र बत्रा ने पहले ही आगाह कर दिया था कि खिलाड़ियों को समय लगने जा रहा है। कई देशों के खिलाड़ियों को इमिग्रेशन प्रक्रिया पूरी करने में चार घंटे का समय लग रहा है और फिर तीन घंटे अपने गंत्वय तक पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्ट को पकड़ने में लगते है।
बत्रा ने 10 जुलाई को भारतीय टीम को अपने संदेश में लिखा, "आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं ताकि आप मानसिक रूप से उस चीज के लिए तैयार हो जाएं जिसकी आप ओलंपिक गांव पहुंचने तक हवाई अड्डे पर उम्मीद कर सकते हैं ... ये खेल असाधारण परिस्थितियों में आयोजित किए जा रहे हैं और हमें जापान का समर्थन करने और सब कुछ करने की कोशिश करनी चाहिए।"
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नौकायन टीम के लोग अपने आयोजन स्थल के करीब एक अलग आवास में रहेंगे। हालांकि एथलीट विलेज मंगलवार को खोल दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक टोक्यो ने बुधवार को पिछले 6 महीनों में सर्वाधिक कोविड-19 केस को बुलावा दिया है जो कि 1,149 हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि लंबी इमिग्रेशन प्रोसेस और कोविड परीक्षण रिपोर्ट की प्रतीक्षा के कारण नौकायन टीम को रोक दिया गया था। टीम को कोविड -19 एंटीजन परीक्षण से गुजरना पड़ा। रिपोर्ट की प्रतीक्षा करते हुए, उन्होंने अन्य औपचारिकताएं पूरी कीं, जैसे कि उनके मान्यता कार्ड को मान्य करना और आने से पहले एक नेगेटिव कोविड टेस्ट का सर्टिफिकेट देना।
अधिकारी ने कहा, "कोविड परीक्षण रिपोर्ट में कुछ घंटे लग गए, लेकिन हमारे मामले में देरी इसलिए भी हुई क्योंकि टीम के कुछ सदस्यों के पास उनके मान्यता कार्ड नहीं थे।"
भारतीय एथलीटों का पहला दल 17 जुलाई को एयर इंडिया की चार्टर फ्लाईट के जरिए टोक्यो रवाना होगा।