आखिर क्या है एंटी सेक्स बेड?
इस ओलंपिक में एथलीट जिन बिस्तरों पर सोएंगे उसे सेक्स-विरोधी बिस्तर माना गया है। वो इसलिए क्योंकि इस बेड पर खिलाड़ी चाहकर भी रोमांस नहीं कर पाएंगे। यह आयोजकों ने कोरोना को रोकने के लिए उपाय ढूंढा है। रिपोर्ट के मुताबिक हर बिस्तर पर लगभग 200 किलो वजन उठा सकने की क्षमता है। अगर बेड पर ज्यादा हलचल मचती है तो यह टूट भी सकता है। यानी कि दो लोग इसके ऊपर चढ़े तो टूट जाएगा। इसी कारण इसे एंटी-सेक्स बेड कहा जा रहा है।
कैसे डिजाइन किया गया है बेड?
यह बेड कार्डबोर्ड के बने होते हैं, जो केवल एक व्यक्ति का भार सहन कर सकता है। अगर दो लोग इस बिस्तर पर सोते हैं, तो यह टूट सकता है। यह बेड किसी तरह का झटका नहीं झेल पाएगा। बेड तैयार करने वाली कंपनी एयरवीव ने दावा किया है कि उसने ये बेड पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किए हैं। लेकिन बेड का हल्का होना ये साफ दर्शाता है कि इसका मकसद अलग है। मकसद है कि सोशल डिसटेंस बनाया रखे। कंपनी ने लगभग 18 हजार ऐसे बेड तैयार करवाए जो ओलंपिक के दौरान खिलाड़ियों और टीम को दिए जाएंगे।
एथलीट पॉल ने जताई नाराजगी
इस बेड के डिजाइन पर खिलाड़ियों ने नाराजगी जताई है। रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले अमेरिकी एथलीट पॉल चेलिमो ने बेड की फोटो ट्वीट कर नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा- इस तरह के बिस्तर से रात को अच्छी नींद नहीं आएगी। अगर आप रात को सो नहीं सकते तो अच्छा कैसे करेंगे? यह सवाल खिलाड़ियों से पूछा जाता है। ओलंपिक गांव में कंडोम बांटने की प्रथा बहुत पुरानी है। एचआईवी के खतरे को रोकने के लिए ये सभी उपाय हैं। हालांकि, इस साल की ओलंपिक समिति इस मुद्दे पर काफी विवादास्पद रही है।