टोक्यो, 26 जुलाई। ओलंपिक के इतिहास में पहली बार भारत के किसी खिलाड़ी ने मैच में जीत दर्ज की है। ऐसा पहली बार है कि तलवारबाजी में भारत की ओर से कोई खिलाड़ी ओलंपिक में प्रतिनिधित्व करता दिखा। वह पहली भारतीय बनीं जिन्होंने ना सिर्फ ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया बल्कि अपना पहला मैच भी जीता। 27 साल की भवानी देवी ने अपने पहले मैच में जबरदस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हरा दिया है। खेल में देर से अपना पहला अंक हासिल करने के बावजूद भवानी ने अपना संतुलन और धैर्य नहीं खोया। दूसरे राउंड में भवानी देवी ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। पहले राउंड में भवानी देवी ने 8-0 और दूसरे राउंड में 3-7 से नादिया को मात दी। लेकिन अगले मुकाबले में भवानी देवी को फ्रांस की एम ब्रूनेट के हाथो हार का सामना करना पड़ा।
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वर्ल्ड नंबर 3 मैनन ब्रूनेट के खिलाफ मैच में भवानी देवी को हार का सामना करना पड़ा है। ब्रूनेट मैच में जबरदस्त फॉर्म में नजर आईं और उन्होंने भवानी देवी को वापसी करने का मौका नहीं दिया। उन्होंने भवानी देवी को एकतरफा मुकाबले में 15-7 से मात दी है। इसके साथ ही ओलंपिक में भवानी देवी का सफर खत्म हो गया। लेकिन इस सफर में भवानी देवी ने इतिहास रच दिया। वह पहली भारतीय बनीं जिन्होंने ना सिर्फ ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया बल्कि अपना पहला मैच भी जीता
बता दें कि तलवारबाजी में जब खिलाड़ी कमर से ऊपर शरीर को तलवार से छूने में सफल होता है तो उसे इसके अंक मिलते हैं। दो राउंड में जो भी खिलाड़ी पहले 15 अंक हासिल करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है। भवानी देवी का अगला मुकाबला दुनिया की तीसरी रैंकिंग की खिलाड़ी मैनन ब्रूनेट से था, जिसमे उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भवानी देवी ने बचपन में ही तलवारबाजी को अपना शौक बना लिया था क्योंकि सिर्फ तलवारबाजी ही एकमात्र खेल बचा था जिसमे जगह खाली थी। जिसके बाद भवानी ने स्कूल में तलवारबाजी को चुना। भवानी देवी चेन्नई से आती हैं, वह पली भारतीय हैं जिन्होंने ओलंपिक में जगह बनाने में सफलता हासिल की, उनकी ट्रेनिंग इटली में हुई थी।