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Tokyo Olympics : खुशी में डूबा रवि दहिया का परिवार, पिता ने कहा- मेरा सपना साकार हो गया

Tokyo Olympics 2021: Ravi Dahiya’s Coach interview after Ravi’s Match | वनइंडिया हिन्दी

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत के खाते में पांचवा मेडल आ चुका है। यह मेडल दिलाया है सोनीपत के गांव नाहरी के पहलवान रवि दहिया ने जिन्होंने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। हालांकि वह गोल्ड जीतने से चूक गए। फाइनल में दो बार के विश्व चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन सिल्वर जीतना भी बड़ी बात है। कुश्ती में यह भारत का दूसरा सिल्वर मेडल है। इससे पहले सुशील कुमार ने 2012 ओलंपिक में सिल्वर जीता था। फाइनल खेलने से पहले रवि ने सेमीफाइनल में 57 किलोग्राम भार वर्ग में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को धूल चटाई थी। इस जीत के साथ जैसी ही रवि ने मेडल पक्का किया तो उनका परिवार खुशी के माहाैल में डूब गया था। फाइनल से पहले रवि के पिता ने क्या बयान दिया था, आइए जानें-

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पिता ने कहा- मेरा सपना साकार हो गया

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बेटा देश का नाम राैशन करे तो घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। रवि के घर में भी ऐसा ही माहाैल बना हुआ है। गांव में मिठाईयां बंट रही हैं। जैसे ही टोक्यो में रवि ने जीत का परचम लहराया तो उधर उनके पिता राकेश दहिया भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, ''जो मेरा सपना था वो आज साकार हो गया है। अब बस यही ख्वाहिश है कि रवि गोल्ड मेडल जीतकर वापस आए। रवि के पिता भी कुश्ती करते थे। वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी धाक जमाना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह संभव नहीं हो सका। खैर, पिता का सपना बेटे ने पूरा कर दिखाया है जिसके ऊपर अब सभी भारतीयों को गर्व है।

पिता चाहता है बेटा गोल्ड लाए

पिता चाहता है बेटा गोल्ड लाए

रवि के पिता राकेश दहिया ने कहा, ''मेरा बेटा बहुत ताकतवर है। बहुत ही कम समय में मेरे बेटे ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। ओलंपिक में उसका खेलना उसकी प्रतिभा को दर्शाता है। अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनका रवि देश के लिए गोल्ड जरूर लेकर आएगा। रवि दहिया की उम्र अभी 23 साल है। रवि के पिता खेती करते हैं। रवि ने गांव के संत हंसराज पहलवानी के अखाड़े में कुश्ती के दांव-पेंच सीखे है। उसे 10 साल की उम्र में ही छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया था।

दहिया ने रचा इतिहास

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57 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रवि ने प्री क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया के ऑस्कर एडुआर्डो टिग्रेरोस को 13-2 से हराया था। फिर रवि दहिया ने ल्गारिया के वैलेंटाइनोव जॉर्जी वांगेलोव को 14-4 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में जीत हासिल करने के बाद अब रवि ने ओलंपिक में नया इतिहास रच दिया है। वह सुशील कुमार को पीछे छोड़ने में महज एक कदम दूर हैं। ओलंपिक 2012 में सुशील कुमार ने सिल्वर मेडल जीता था। वहीं अगर रवि ने सिल्वर मेडल पक्का कर उनकी बराबरी कर ली है। अगर रवि फाइनल भी जीत जाते हैं तो वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बन जाएंगे।

Story first published: Thursday, August 5, 2021, 18:06 [IST]
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