पीवी सिंधु (बैडमिंटन)- इवेंट - महिला एकल
पीवी सिंधु भारत के लिए पदक की सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक हैं। सिंधु कोशिश करेंगी कि वो मेडल जीतें ताकि ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली दूसरी एथलीट बनें। इससे पहले पहलवान सुशील कुमार व्यक्तिगत रूप से दो ओलंपिक मेडल विजेता हैं। सिंधु भारत की नैशनल चैंपियन भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2016 में चीन ऑपन का खिताब भी जीता था। सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय शटलर भी हैं। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7,21-7 से हराया था। सिंधु लय में है आैर वह चाहेंगी कि इस बार मेडल जीतकर नया इतिहास रचा जाए।
मैरी कॉम - बॉक्सिंग
2012 से ओलंपिक ब्राॅन्ज मेडल विजेता चार बच्चों की मां मैरी कॉम टोक्यो खेलों में गौरव हासिल करेंगी, जो संभवत: खेलों में उनकी अंतिम उपस्थिति होगी। 6 बार के विश्व चैंपियन भारत के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहकों में से एक होंगे। सीनियर बॉक्सर ने 2021 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर प्रभावित किया। मैरी के लिए यह एक कठिन परीक्षा होगी लेकिन उनका अनुभव उन्हें महिलाओं के 51 किग्रा वर्ग के अंत तक पहुंचने में मदद करेगा।
साइखोम मीराबाई चानू (भारोत्तोलन) इवेंट - 49 किलोग्राम
वर्तमान में विश्व में चौथे स्थान पर काबिज मीराभाई चानू 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय भारोत्तोलक बनने की कोशिश करेंगे। और उत्तर कोरिया के खेलों से हटने के फैसले ने चानू की उम्मीदों को बढ़ा दिया है। चानू वर्तमान में महिलाओं की 49 किग्रा टोक्यो खेलों की क्वालीफाइंग रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज हैं। चानू ने 2014 राष्ट्रमण्डल खेलें में 48 किग्रा श्रेणी में सिल्वर मेडल जीता तथा गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 संस्करण में विश्व कीर्तिमान के साथ गोल्ड मेडल जीता था। चानू की सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में अनाहाइम, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हुई विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना था।
बजरंग पूनिया (कुश्ती) इवेंट - पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम
दूसरी वरीयता प्राप्त 65 किग्रा पहलवान बजरंग पूनिया को टोक्यो में निश्चित रूप से पदक विजेता के रूप में देखा जा रहा है, जो ओलंपिक में भारत के लिए उनकी पहली उपस्थिति होगी। पूनिया ने 2018 के एशियन खेलों में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा के फाइनल में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को एकतरफा मुकाबले में 11-8 से हराया था। तब पूनिया एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के 9वें पहलवान बने थे। 2014 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कजाकिस्तान के अस्ताना में, बजरंग पूनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 61 किग्रा वर्ग में ईरान के मसूद एस्माइलपुर से 0-4 से हारकर सिल्वर मेडल जीता था। 2018 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी उन्होंने सिल्वर जीता फिर 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में पूनिया ने विश्व चैंपियनशिप में दूसरी बार सिल्वर मेडल जीता, जिससे भारत ने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा में टोक्यो 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। बजरंग पूनिया को पिछले महीने घुटने में मामूली चोट लगी थी, लेकिन वह अब भी अपने पहले ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक तालिका में शामिल होने को लेकर आश्वस्त हैं।
सौरभ चौधरी (शूटिंग इवेंट) 10 मीटर पुरुषों की एयर पिस्टल
19 वर्षीय साैरभ टोक्यो ओलंपिक में मेडल के लिए भारत के सबसे बड़े दांवों में से एक है। सौरभ से देश को गोल्ड की उम्मीद है। वह टाइम मैगजीन में जगह पाने वाले इकलौते भारतीय भी हैं। पिछले चार वर्षों में इस खिलाड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा काफी मेहनत की गई है और सौरभ खेलों में अपनी निरंतरता बनाए रखना चाहेंगे। सौरभ चौधरी ने 2018 एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है।