100 से ज्यादा भारतीय खिलाड़ी कर चुके हैं क्वालिफाई
यह साफ है कि कोरोना के कहर के चलते विदेशी लोग स्टेडियम में आकर मैच नहीं देख पाएंगे, लेकिन घरेलू फैंस को माैका मिल सकेगा। टोक्यो ओलंपिक में दुनिया भर के 11 हजार से अधिक खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं। वहीं भारत से अभी तक 100 से ज्यादा खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं।
कुल 9 गोल्ड आए भारत के खाते में
वहीं अगर बात करें भारत के ओलंपिक इतिहास की तो खिलाड़ियों का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों से ज्यादा चमकता नहीं दिखा। अभी तक भारत ओलंपिक इतिहास में 28 मेडल अपने नाम कर सका है, जिसमें 9 गोल्ड, 7 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज शामिल हैं। लेकिन निराश कर देने वाली बात यही है कि भारत के लिए पिछले 13 सालों से अभी तक गोल्ड मेडल नहीं आया है। ओलंपिक की शुरुआत 1896 में एथेंस से हुई थी। हालांकि उस दाैरान कोई भी भारतीय खिलाड़ी इसका हिस्सा नहीं बना था। लेकिन 1900 से लेकर अब तक ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने 8 खेलों भाग लिया है। हाॅकी में सबसे ज्यादा सफलता हासिल हुई है, जिसमें 11 मेडल दर्ज हैं। इसमें 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। यानी कि हाॅकी टीम ने खूब डंका बजाया है। शूटिंग में 4, एथलेटिक्स में 2, कुश्ती में 5, बैडमिंटन में 2, बॉक्सिंग में 2, टेनिस में 1 और वेटलिफ्टिंग में एक मेडल भारत को मिला है।
144 मेडल दांव पर
इस बार की बात करें 144 मेडल दांव पर लगे हैं, काैन खिलाड़ी इसे पाने की लिस्ट में रहता है यह देखने वाली बात रहेगी। टोक्यो में महिला और पुरुष को मिलाकर कुल 48 इवेंट होने हैं। 1990 के बाद से एथलेटिक्स में भारत के लिए कोई करिश्मा नहीं कर पाया। 1990 में पेरिस ओलंपिक में 200 मीटर रेस और 200 मीटर हर्डल्स में सिल्वर मेडल प्रिचार्ड ब्रिटेन ने जीता था। उस समय अंग्रेजों का शासक था तो प्रिचार्ड ब्रिटेन ने भारत की ओर से भाग लिया था। उनका जन्म कोलकाता में हुआ था।