नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ ने जापान सरकार की ओर से टोक्यों ओलंपिक में भाग लेने वाले कोरोना वायरस से प्रभावित देशों के लिये बनाये गये नियमों पर आपत्ति जताई है। भारतीय ओलंपिक संघ ने कोरोना वायरस से प्रभावित देशों के लिये बनाये गयें कड़े नियमों को भेदभावपूर्ण और गलत बताया है। 23 जुलाई से जापान की राजधानी में शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों को लेकर आयोजकों ने नये दिशानिर्देश जारी किये हैं जिसके अनुसार खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिये कोरोना संक्रमण से प्रभावित देशों से आने वाले खिलाड़ियों को 3 दिन तक सख्त क्वारंटीन रहने का नियम बनाया है। इतना ही नहीं खिलाड़ी ओलंपिक शुरू होने से 5 दिन पहले ही इसका हिस्सा बनने के लिये पहुंच सकते हैं।
ओलंपिक खेलों के आयोजकों ने देश में कोरोना वैरिएंट के प्रभाव को बढ़ने से रोकने के लिये 11 देशों से आने वाले खिलाड़ियों के लिये यह नियम लागू किये हैं। इन नियमों के तहत खिलाड़ियों की रोजाना टेस्टिंग की जायेगी और वो सिर्फ एक हफ्ते पहले ही खेल गांव पहुंच सकते हैं। वहीं पर खेल गांव पहुंचने के बाद खिलाड़ी पहले 3 दिन किसी से भी मिल नहीं सकते हैं और अपने कमरे में बंद रहेंगे।
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वहीं पर भारतीय ओलंपिक संघ का कहना है कि आयोजकों के इन नियमों के चलते खिलाड़ी अपने 3 जरूरी दिन खराब कर देंगे और न तो अभ्यास कर पायेंगे और न ही ट्रेनिंग कर पायेंगे। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और सचिव राजीव मेहता ने इसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस नियम की आलोचना की है।
उन्होंने लिखा,'खिलाड़ियों को खेल गांव में सिर्फ 5 दिन पहले पहुंचने की इजाजत दी गई है, जिसमें से पहले 3 दिन सिर्फ इस बात से खराब हो जायेंगे क्योंकि वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकल सकते। यह भारतीय खिलाड़ियों के लिये काफी भेदभावपूर्ण होगा जिन्होंने 5 सालों तक कड़ी मेहनत की लेकिन उनके साथ टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही भेदभाव किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक के आयोजकों ने भारत, पाकिस्तान और यूके समेत 11 देशों को प्रभावित करने का काम किया है। इसको लेकर भारतीय ओलंपिक संघ ने आगे कहा कि खिलाड़ी इन तीन दिनों तक कहां पर नाश्ता, लंच और डिनर करते नजर आयेंगे। इतना ही नहीं ट्रेनिंग एरिया में हमेशा खिलाड़ी रहते हैं तो इसका मतलब है कि वो ट्रेनिंग भी नहीं कर सकेंगे।