टोक्यो ओलंपिक : भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। चानू ने भारत के लिए 'सिल्वर' मेडल जीता है। इसी के साथ वह वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली एथलीट बन गई हैं। चानू ने 49 किलो ग्राम वर्ग में 202 के कुल वजन के साथ सिल्वर मेडल जीत लिया है। चीन की हो जिहुई ने गोल्ड मेडल जीता, जिन्होंने स्नैच में 94 और क्लीन एंड जर्क में 116 में का वजन उठाया। ब्राॅन्ज मेडल विजेता इंडोनेशिया की आइसे विंडी कैंटिका रहीं, जिन्होंने 194 किलो वजन उठाया।
इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी के नाम ओलंपिक मेडल है। उन्होंने 2000 सिडनी ओलंपिक में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था, जब भारोत्तोलन एरीना पहली बार महिलाओं के लिए खोला गया था।
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चानू ने लगभग हर बड़ी प्रतियोगिता में पदक जीते, जिसमें विश्व चैम्पियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों का 'गोल्ड' मेडल भी शामिल है। चानू ने टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने अंतिम टूर्नामेंट एशियाई चैम्पियनशिप में 119 किग्रा का वजन उठाया था और इस वर्ग में गोल्ड और ओवरआल वजन में ब्राॅन्ज मेडल जीता था।
ऐसे किया मेडल पर कब्जा
मीराबाई ने स्नैच में अपने पहले प्रयास में ही 84 किलो वजन उठाया। फिर दूसरी बार 87 किलो वजन उठाया। हालांकि, तीसरे प्रयास में वो 89 किलो वजन नहीं उठा सकीं। चानू स्नैच राउंड में दूसरे स्थान पर रहीं। फिर क्लीन एंड जर्क के अपने दूसरे प्रयास में मीराबाई चानू ने 115 किग्रा वजन उठाकर नया ओलंपिक रिकॉर्ड कायम किया, लेकिन चीन की होऊ झीहुई ने अगले ही प्रयास में 116 किग्रा वजन उठाकर ये रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। चानू ने उसके बाद झीहुई का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 117 किग्रा वजन उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहीं। ऐसे में नया रिकॉर्ड अब होऊ झीहुई के नाम पर हो गया है।