कोरोना के चलते हुआ नुकसान
हालांकि, कोरोना के चलते मोमिजी को नुकसान पहुंचा है। दरअसल, कोरोना के कारण टोक्यो ओलंपिक को स्थगित करना पड़ा। यह पिछले साल आयोजित होना था। अगर ओलंपिक पिछले साल ही आयोजित हो जाता तो मोमिजी दुनिया की सबसे युवा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट बन जातीं। फिलहाल मोमिजी ने 13 साल 330 दिन की उम्र में गोल्ड मेडल जीता है।
मार्जरी ने जीता था कम उम्र में 'गोल्ड' मेडल
ओलंपिक में सबसे कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने का विश्व रिकाॅर्ड संयुक्त राज्य अमेरिका की मार्जरी गैस्ट्रिंग के नाम है। मार्जरी गैस्ट्रिंग ने 13 साल 268 दिन की उम्र में साल 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में 3-मीटर स्प्रिंगबोर्ड प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया था। वहीं अब मोमिजी की जीत को देखने के बाद जापान के फैंस का मानना है कि कोरोना के चलते उनके खिलाड़ी को नुकसान पहुंचा है। यदि टोक्यो ओलंपिक साल 2020 में तय समय से आयोजित होते तो निश्चित रूप से मोमिजी दुनिया की सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन बन जातीं।
गाैर हो कि पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों का हिस्सा बने स्केडबोर्डिंग के खेल के महिला स्ट्रीट के फाइनल में कुल 8 खिलाड़ी जगह बना पाए थे। मोमिजी ने 15.26 अंकों के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। ब्राजील की रेयसा लील ने सिल्वर मेडल जीता। हालांकि, रेयसा के पास विश्व रिकाॅर्ड अपने नाम करने का माैका था, अगर वो पहले स्थान पर आतीं, क्योंकि रेयसा लील की उम्र मोमिजी से भी कम 13 साल 203 दिन की है। अगर वो गोल्ड मेडल जीत जातीं तो अमेरिका की मार्जरी गैस्ट्रिंग का रिकॉर्ड तोड़कर दुनिया की सबसे छोटी उम्र की गोल्ड मेडलिस्ट बन जातीं।
स्केडबोर्डिंग पर जापान ने जमाई धाक
टोक्यो 2020 में मेजबान जापान ने स्केडबोर्डिंग में धाक जमाई है। पुरुषों के स्केटबोर्डिंग स्ट्रीट फाइनल में जापान के यूतो होरिगोमे ने गोल्ड मेडल जीता। जीतकर इतिहास रचा। वहीं मोमिजी ने भी महिलाओं का गोल्ड जीतकर जापान को एक और गोल्ड दिला दिया। वहीं इसी देश की 16 साल की नाकायामा फुना ने ब्राॅन्ज मेडल जीता। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्केटबोर्डिंग के खेल को बढ़ती लोकप्रियता के चलते ओलंपिक में जगह मिली है। साल 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी इस खेल को शामिल किया गया है।