मुंबई : ओलंपिक पदक जीतना हर एथलीट का सपना होता है। उनमें से कुछ के लिए, यह सपना सच हो जाता है। पोलैंड की भाला फेंकने वाली मारिया आंद्रेजिक उनमें से एक हैं। मारिया ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। लेकिन टोक्यो से स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने मेडल की नीलामी की। हालांकि मारिया का ये फैसला हैरान करने वाला है, लेकिन वजह खास है।
मारिया ने पोलैंड में एक लड़के के इलाज के लिए अपने ओलंपिक मेडल की ऑनलाइन नीलामी की। 8 महीने के लड़के मिलोशनाक मालिसा को दिल की गंभीर बीमारी है और वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में उसका इलाज चल रहा है। इस इलाज में काफी खर्चा आने वाला है। इलाज में मदद के लिए मारिया ने अपने मेडल की नीलामी की।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इलाज के लिए करीब 2 करोड़ 86 लाख रुपए की जरूरत थी। जैसे ही मारिया को इस बात का अहसास हुआ तो उन्होंने मेडल बेचने का फैसला किया। उसने मेडल की नीलामी के निर्णय की घोषणा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट लिखा। ओलंपिक मेडल की नीलामी के उनके फैसले की सभी ने सराहना की।
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यह मेडल पोलैंड की जबका सुपरमार्केट चेन ने करीब 93 लाख रुपए में खरीदा था। उन्होंने इलाज के लिए कुछ पैसे भी दान किए। मारिया की नीलामी से मिलोशचक के इलाज के लिए 1.43 करोड़ रुपए जुटाए गए। मारिया ने सोमवार को कंफर्म करते हुए कहा कि पोलैंड की स्टोर जाबका ने मेडल की बोली लगाई है और उसने राशि का भुगतान करके मेडल ले लिया है।
मारिया का सफर भी प्रेरणादायक है। वह 2016 के रियो ओलंपिक में ब्राॅन्ज मेडल से चूक गई थी। वह चौथे स्थान पर रहीं थी। फिर 2018 में मारिया को बोन कैंसर होने का पता चला। इस कैंसर पर काबू पाकर उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने 64.61 मीटर की दूरी फेंककर ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता।