खतरे में डाला सुशील का रिकाॅर्ड
फिलहाल तो नामी पहलवान सुशील कुमार जेल में हवा खा रहे हैं, लेकिन रवि दहिया उनके रिकाॅर्ड को तोड़ने से अब एक कदम ही दूर हैं। रिकाॅर्ड है भारत की ओर से पहलवानी में बेस्ट प्रदर्शन देने का। दरअसल, सुशील कुमार ने 2012 लंदन ओलंपिक में 66 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था। वह ओलंपिक में ऐसा करने वाले इकलाैते पहलवान थे, लेकिन अब रवि ने उनकी बराबरी कर ली है। बराबरी तो की, लेकिन उनसे आगे निकलने वाले भी हैं। अगर रवि फाइनल जीत जाते हैं तो वह कुश्ती में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के इकलाैते पहलवान बन जाएंगे। हालांकि सुशील कुश्ती में दो ओलंपिक मेडल जीतने वाले इकलाैते पहलवान हैं। उन्होंने 2008 ओलंपिक में ब्राॅन्ज जीता था।
40 किलोमीटर दूर से आता था दूध
रवि दहिया ने अपनी ताकत यूं ही नहीं बढ़ाई है, इसके पीछे उनका बेहतर खानपान रहा चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़ जाए। यह इससे मालूम होता है कि जब वो छत्रसाल में ट्रेनिंग करते थे तो उनके पिता रोज 40 किलोमीटर दूरी तय कर उनके लिए दूध और फल लाते थे। इससे साबित होता है कि उनके पिता ने भी रवि को हीरा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। घर में आर्थिक तंगी भी रही, लेकिन फिर भी रवि के इरादे कभी फीके नहीं पड़े।
क्या हैं रवि की उपलब्धियां
रवि ने 2015 में अपना लोहा मनवाया था, जब जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के 55 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। तब वो चोटिल थे, लेकिन फिर भी पीछे नहीं हटे। हालांकि उस चोट ने उन्हें 2017 में परेशान करना शुरू किया जिस कारण वह खेल से कुछ समय के लिए दूर भी रहे थे। फिर रवि ने 2018 में वापसी की जब वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर अपने नाम किया था। फिर 2019 में रवि दहिया ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिलेक्शन में सीनियर रेसलर उत्कर्ष काले और ओलंपियन संदीप तोमर को हराया था। जब भारत में कोरोना ने पैर पसारे थे तो उससे ठीक पहले रवि ने मार्च में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर उम्मीद जगा दी थी कि वो टोक्यो ओलंपिक में धाक जमाएंगे।