टोक्यो। महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती के 57 किग्रा वर्ग के 1/8 एलिमिनेशन मुकाबले में ओंलपिक डेब्यू करने वालीं 20 वर्षीय भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक को एकतरफा तरीके से हार का सामना करना पड़ा है। अंशु को बुल्गारिया की पहलवान इरीना कुराचकिना से हार का सामना करना पड़ा।
नंबर-3 वरीयता प्राप्त इरीना अंशु पर पूरे मैच में हावी रही्, जिससे उन्होंने 8-2 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। हालांकि अच्छी खबर यह है कि अंशु हार के बावजूद भी ब्राॅन्ज मेडल जीत सकते हैं। अंशु रेपेशाज दौर से टोक्यो ओलंपिक ब्राॅन्ज मेडल की दौड़ में शामिल हुईं। पहले दौर में उनकी प्रतिद्वंद्वी बेलारूस की इरिना कुराचिकिना फाइनल में पहुंची। रेपेशाज में उनको रियो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट वलेरिया कोबलोवा से भिड़ना होगा। यदि अंशु ने वलेरिया को रेपेशाज दौर में हरा दिया तो ब्रॉन्ज मेडल के लिए उनका मैच बुल्गेरिया की एवलीना निकोलोवा से होगा।
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वहीं अशु के पिता धर्मवीर को अपनी बेटी की हार से दुखी नहीं है। उनके पिता धर्मवीर ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा, ''निराश होने की जरूरत नहीं है। बेटी अभी भी मेडल ला सकती है। उसकी तैयारी अगले ओलंपिक के लिए भी कराएंगे। शियन चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स और विश्व चैंपियनशिप हैं जिसके लिए उसे तैयार करेंगे। मेडल जीतना अंशु का सपना है। इसके लिए उसे अगले 4 साल कड़ी मेहनत करनी है।'' वहीं अंशु की मां ने कहा कि हां थोड़ा सा निराश हूं, लेकिन हार जीत मैच का हिस्सा है। मैं उसे ताकतवर बनाऊंगाती ताकि मेडल जीत सके।
बता दें कि मैच में अंशु के पास कई बार अंक लेने के माैके मिले लेकिन कुछ कमियों के कारण वह माैकों का फायदा नहीं उठा सकीं। अतं में उन्हें दो राउंड में 8-2 से हार का सामना करना पड़ा। कुश्ती में एक राउंड 6 मिनट का होता है।