पहले प्रयास में ही तोड़ा विश्व रिकॉर्ड
सुमित अंतिल ने अपने दूसरे प्रयास में 68.08 मीटर का थ्रो कर नया रिकॉर्ड बना दिया। अंतिल ने अपने तीसरे प्रयास में 65.27 मीटर का थ्रो किया लेकिन चौथे प्रयास एक बार फिर इस प्रतियोगिता से पहले के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने वाला थ्रो किया और चौथे प्रयास में 66.71 मीटर की दूरी तय की और टॉप पॉजिशन को बरकरार रखा। 4 प्रयास के बाद यह साफ था कि सुमित गोल्ड मेडल जीतने वाले हैं।
68.55 मीटर को थ्रो कर जीता गोल्ड
हालांकि शायद ही किसी को इस बात का भरोसा रहा हो कि सुमित अपने 5 प्रयास में 4 बार विश्व रिकॉर्ड पार करते नजर आयेंगे। सुमित अंतिल ने अपने 5वें प्रयास में एक बार फिर से विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा और अपने पिछले प्रयास से बेहतर फेंकते हुए 68.55 मीटर का थ्रो किया और 5 प्रयास में तीन बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का कारनामा किया। इस दौरान सुमित ने ओलंपिक में एफ64 वर्ग के भालाफेंक फाइनल से पहले के विश्व रिकॉर्ड को 4 बार पीछे छोड़ा और अंत में टॉप पर काबिज रहते हुए पैरालंपिक्स खेलों में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल दिला कर इतिहास रच दिया।
ब्रॉन्ज से चूके संदीप कुमार
वहीं पर भारत के संदीप कुमार ने शानदार प्रदर्शन किया और पहले प्रयास में 61.13 मीटर का थ्रो कर तीसरे पायदान से शुरुआत की। दूसरा प्रयास अवैध करार दिये जाने के बाद संदीप ने तीसरे प्रयास में सीजन का अपना सबसे बेस्ट थ्रो किया और 62.20 मीटर की दूरी तय की लेकिन अब वो चौथे पायदान पर खिसक गये थे। इसके बाद के संदीप के प्रयास अवैध रहे और उन्होंने इवेंट का समापन चौथे पायदान पर रहते हुए ही किया।
फिर से भारत के पदकों की संख्या हुई 7
गौरतलब है कि इस जीत के साथ ही भारत के पदकों की संख्या एक बार फिर से 7 हो गई है। पैरालंपिक्स खेलों में भारत ने रविवार को 3 पदक जीत के साथ शुरुआत की थी, हालांकि विनोद कुमार के ब्रॉन्ज मेडल जीत पर उनकी कैटेगरी क्लासिफिकेशन को लेकर सवाल उठाये गये जिसके बाद रिजल्ट को होल्ड पर डाल दिया गया। वहीं पर सोमवार को जब जांच के बाद रिजल्ट जारी किया गया तो विनोद कुमार को अमान्य घोषित कर उनके ब्रॉन्ज मेडल जीत को रद्द कर दिया गया।
वहीं पर सोमवार को भारतीय टीम अब तक 5 पदक जीत चुकी है जिसमें 2 गोल्ड ( एक शूटिंग, एक भालाफेंक), 4 सिल्वर (एक भालाफेंक, एक हाईजंप, एक टेबल टेनिस, एक डिस्कस थ्रो) और एक ब्रॉन्ज (भालाफेंक) मेडल शामिल है।