टोक्यो: पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए 11वां पदक प्रवीण कुमार ने जीता है। यह सिल्वर मेडल है जो प्रवीण को टी64 कैटेगरी ऊंची कूद में मिला है। इस इवेंट में प्रवीण ने 2.07मीटर की जंप करके नया एशियन रिकॉर्ड भी स्थापित किया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवीण पर गर्व जताते हुए कहा है कि यह मेडल प्रवीण की कड़ी मेहनत और गजब के समर्पण की देन है। मोदी ने प्रवीण को बधाई देते हुए भविष्य के लिए उनको शुभकामनाएं भी दी।
इस इवेंट में गोल्ड मेडल जोनाथन ब्रूम-एडवर्ड्स को 2.10 मी की कूद पर मिला जबकि कांस्य मासीज लेपियाटो को 2.04 मीटर पर मिला। ये तीनों स्पोर्ट्स क्लास टी-44 से हैं।
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ओलंपिक स्टेडियम में बारिश से लथपथ ट्रैक पर, प्रवीण कुमार 18 साल की उम्र में भारत के लिए सबसे कम उम्र के पैरालंपिक बन गए। कुमार ने अपनी पहली छलांग में सीधे 1.88 मीटर की दूरी तय की। फिर 1.97 मीटर की दूरी तय की, जो उन्हें पदक सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त था। कुमार को 2.01 मीटर का अंक हासिल करने में दो बार प्रयास करने पड़े।
निषाद कुमार, मरियप्पन थंगावेलु और शरद कुमार के बाद टोक्यो खेलों में पुरुषों की ऊंची कूद में कुमार का भारत के लिए चौथा पदक था।
प्रवीण अपनी कैटेगरी में दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स FAZZA ग्रां प्री 2021, दुबई में एक एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक भी जीता। प्रवीण का एक पैर जन्म से ही छोटा था। उन्होंने अपने स्कूल के दोस्तों के साथ खेलों में भाग लेना शुरू किया। वॉलीबॉल शुरू में उनका पसंदीदा खेल था। एक बार उन्होंने एक एथलेटिक्स प्रतियोगिता में एक ऊंची कूद प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसके बाद उन्हें पता चला कि शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए भी खेल हैं। उन्हें डॉ सत्यपाल सिंह के अंडर में ट्रेनिंग ली है।