टोक्यो: पैरालंपिक में भारत का सुहाना सफर जारी है और 31 अगस्त के दिन मरियप्पन थंगावेलु में भारत को दूसरा पदक दिलाया। मरियप्पन ने ऊंची कूद टी63 फाइनल में सिल्वर मेडल हासिल किया है। इसी इवेंट में भारत के दूसरे एथलीट शरद कुमार को कांस्य पदक मिला है। यूएसए के सैम ग्रेव को गोल्ड मेडल मिला जिन्होंने अपने तीसरे और आखिरी प्रयास में 1.88 मीटर को क्लियर किया।
यह मरियप्पन का दूसरा ओलंपिक मेडल है क्योंकि वे रियो 2016 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। मरियप्पन ने अपने तीसरे प्रयास में 1.86 मीटर को क्लियर करने में कामयाबी हासिल की थी। शरद कुमार ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।
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इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत के मेडलों की संख्या 10 हो गई है जो कि एक रिकॉर्ड है क्योंकि इससे पहले भारत कभी भी किसी ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में पदकों के मामले में दहाई की संख्या को नहीं छू पाया था। भारत ने इसी साल हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक 7 पदक हासिल किए थे जो पैरालंपिक खेलों में अब 10 हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मरियप्पन को बधाई देते हुए कहा कि वे ऊंचाईयों को छू चुके हैं। मोदी ने ट्वीट किया-
"ऊँचे और ऊँचे उड़ते हुए!
मरियप्पन थंगावेलु निरंतरता और उत्कृष्टता का पर्याय है। रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। भारत को उनके पराक्रम पर गर्व है।"
प्रधानमंत्री ने कांस्य पदक जीतने वाले शरद के लिए लिखा-"अदम्य शरद कुमार!
कांस्य पदक जीतकर हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। उनकी जीवन यात्रा कई लोगों को प्रेरित करेगी। उनको बधाई "
मरियप्पन और शरद दोनों ने T42 वर्गीकरण में भाग लिया, जो कि पैर की कमी, पैर की लंबाई में अंतर, मांसपेशियों की शक्ति में कमी या पैरों में गति की निष्क्रिय रेंज ऑफ मोशन वाले एथलीटों के लिए है। एथलीट एक स्टेंडिंग पॉजिशन में प्रतिस्पर्धा करते हैं।