नई दिल्लीः नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने वाले इवेंट का एक और किस्सा सामने आया जो काफी दिलचस्प था। नीरज चोपड़ा ने हाल ही में खुलासा किया कि फाइनल इवेंट में पहला थ्रो फेंकने से पूर्व ही उनको अपना जेवलिन यानी भाला मिल नहीं रहा था। नीरज चोपड़ा ने इधर-उधर देखा तो पाया कि पाकिस्तान के अरशद नदीम उनका भाला लिए घूम रहे हैं और नीरज ने तुरंत उनके पास जाकर कहा, "भाई, मुझे मेरा जैवलिन दे दो। यह मेरा भाला है और मुझे इससे थ्रो करनी है।"
नीरज ने जो मामला बताया है अब उसकी वीडियो एक बार फिर से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है। दरअसल इससे पहले भी टोक्यो ओलंपिक 2020 में जैवलिन थ्रो मेंस फाइनल इवेंट की कुछ क्लिपिंग में हमने देखा था कि नीरज अरशद नदीम से भाला ले रहे हैं लेकिन यह क्या मामला था तब हमको नहीं पता था।
पहली थ्रो और भाला गायब! नीरज ने बताया- मैंने ढूंढा तो देखा, अरशद मेरा जेवलिन लिए घूम रहा है
अब नीरज ने इस पर रोशनी डाली है और स्पष्ट हो गया है कि नदीम ने नीरज का भाला उनसे बिना पूछे लिया था। अभी भी हालांकि यह क्लियर नहीं हो पाया है ऐसा करके अरशद नदीम क्या साबित करना चाहते थे? क्या यह जेवलिन नदीम ने भूलवश लिया या फिर वे जानते थे कि यह नीरज का भला है और यह इसमें उनकी दिलचस्पी थी।?
सोशल मीडिया पर आप इस वीडियो को देख सकते हैं जहां पर एक यूजर ने सवाल उठाया है-
"इस वीडियो में पाकिस्तान के अरशद नदीम नीरज चोपड़ा के जैवलिन के साथ रंगे हाथों पकड़े गए हैं। कोई थ्रो से ठीक पहले किसी और का जैवलिन क्यों लेना चाहेगा? आखिर वह सोच क्या रहा था?"
असल में सोशल मीडिया पर अरशद नदीम को शक की नजरों से देखा जाने लगा है। एक और यूजर ने कहा है कि अरशद नदीम ने जो किया यह उनका अनप्रोफेशनलिज्म है जिसने आशंकाओं को जन्म दे दिया है। अगर इसके बारे में कंप्लेंट दर्ज कराई जाए तो उनके कैरियर को दिक्कत हो सकती है लेकिन भारत के लोग माफ कर देते हैं।
In this video, Pakistan's Arshad Nadeem caught red handed with #NeerajChpora's Javelin.
— Incognito Balasubramaniam Singh (@Qrious_Furious) August 25, 2021
Why would anybody pick someone else's Javelin just before the throw? What was he even thinking? pic.twitter.com/LNFfaOKHz1
नीरज चोपड़ा ने खुद कहा था कि उन्होंने इसी चक्कर में पहली थ्रो करने जल्दबाजी में की थी। हालांकि यह 87.02 मीटर की थी और यह उनकी दूसरी थ्रो थी जिसने उनको गोल्ड मेडल दिला दिया जो कि 87.58 मीटर की थी।
दूसरी ओर, अरशद नदीम भरसक प्रयास के बावजूद कुछ खास नहीं कर सके और पांचवें स्थान पर रहे। हालांकि जब वे पाकिस्तान लौटे तो उनको देश के महान एथलीट की तरह देखा गया और नदीम के इस प्रदर्शन को पड़ोसी देश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया गया है। वैसे पाकिस्तान के लिहाज से अरशद नदीम ने टोक्यो ओलंपिक में वन ऑफ द बेस्ट दी है।