प्योंगचांग। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) ने रूसी एथलीट्स को बड़ा झटका दिया है। जी हां, सीएएस ने 47 रूसी एथलीटों और कोच की अपील खारिज कर दी है। ये एथलीट ओलंपिक समारोह के कुछ घंटों पहले प्योंगचांग में 2018 के शीतकालीन ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद कर रहे थे।
हालांकि विश्व की शीर्ष खेल अदालत ने पिछले हफ्ते रूस के 39 एथलीटों पर लगाए गए लाइफ बैन को हटा दिया था। इन खिलाड़ियों पर सोच्ची शीतकालीन ओलिंपिक-2014 में डोपिंग के आरोप लगे थे। तब सीएएस ने गुरुवार को कहा था कि 28 खिलाड़ियों पर से आजीवन प्रतिबंध हटा दिया गया है। बाकी के 11 खिलाड़ियों पर से भी आजीवन प्रतिबंध हटा लिया गया है लेकिन शीतकालीन खेलों के अगले संस्करण में हिस्सा लेने से रोक दिया गया है।
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हालांकि साथ ही कोर्ट ने ये भी घोषणा करने के लिए निर्धारित किया था कि क्या अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को 47 अन्य एथलीट्स को आमंत्रित करना चाहिए, जिन्होंने दक्षिण कोरिया में भाग लेने की अपील की है।
आईओसी ने दिसंबर में विंटर ओलंपिक से रूस को प्रायोजित डोपिंग के आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया था। हालांकि तब प्रतियोगियों के एक दल को तटस्थ झंडे के तहत कंपटीशन में भाग लेने की अनुमति दी गई है। लेकिन 47 अन्य एथलीटों और कोचों ने आईओसी के फैसले को सीएस में चुनौती दी थी जिसमें उन्हें खेल में आमंत्रित नहीं किया था। जिसे अब सीएएस ने खारिज कर दिया है। बता दें कि छह बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शॉर्ट-ट्रैक स्पीडस्कर विक्टर आह भी उन एथलीटों में से एक है जिसे प्योंगचांग में भाग लेने का मौका नहीं दिया गया है।