नई दिल्लीः एथलेटिक्स इंटेग्रिटी यूनिट (एआईयू) ने शुक्रवार को कहा कि केन्या के पूर्व 1,500 मीटर विश्व चैंपियन एलिजा मनांगोई के ऊपर दो साल का बैन लगा दिया गया है क्योंकि उन्होंने वेयरबॉउट्स नियमों के तहत तीन टेस्ट नहीं कराए हैं।
मनांगोई को उल्लंघनों के लिए जुलाई में अनंतिम रूप से निलंबित कर दिया गया था और एआईयू ने कहा कि उनका प्रतिबंध 22 दिसंबर, 2019 से "तीसरे टेस्ट की विफलता की तारीख" पर लागू होगा। यह डोपिंग टेस्ट होते हैं जिनको कराना जरूरी है।
एआईयू ने बयान में कहा-"22 दिसंबर 2019 के बाद से एथलीट द्वारा प्राप्त सभी प्रतिस्पर्धी परिणामों की अयोग्यता इसमें शामिलो है जिसमें सभी परिणामों के साथ, किसी भी खिताब, पुरस्कार, पदक, पुरस्कार और उपस्थिति का त्याग माना जाएगा।"
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मनांगोई उन केन्याई एथलीटों की सूची में शामिल हैं, जिन्हें हाल के वर्षों में सजा दी गई है, जिनमें 2008 ओलंपिक 1,500 मीटर चैंपियन असबेल किप्रोप, पूर्व बोस्टन और शिकागो मैराथन विजेता रीटा जेप्टू और 2016 ओलंपिक मैराथन चैंपियन जेमाह सुमगोंग शामिल हैं।
जहां तक डोपिंग की बात है तो यह आने वाले ओलंपिक को लेकर भी एक विवादित मुद्दा बना हुआ है। इसी साल सितंबर में यह कयास लगाए गए थे अमेरिका के टॉप एथलीट ओलंपिक और अन्य मुख्य इंटरनेशनल इवेंट से बाहर हो सकते हैं अगर यूएस अपनी धमकी को जारी रखता है जो उसने वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) को दी है। वाडा को अमेरिका की और से फंडिंग रोकने की धमकी दी गई है।
बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के कारण 23 जुलाई से 8 अगस्त, 2021 तक टोक्यो ओलंपिक में एक साल की देरी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के नियम, खेल भागीदारी की अनुमति देने के लिए WADA अनुपालन करने की आवश्यकता है।