नई दिल्ली। भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल जीतने वाली भारतीय महिला पहलवान बबीता फोगाट चुनावी मैदान में उतरने को पूरी तरह से तैयार हैं. मीडिया से बात करते हुए बबीता फोगाट ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि वह आने वाले हरियाणा विधासभा चुनाव में लड़ना चाहती हैं और समाज के भले के लिए काम करना चाहती है. बबीता फोगाट ने पिछले महीने 13 अगस्त को हरियाणा में पुलिस उपनिरीक्षक की नौकरी छोड़ दी थी और एक दिन बाद ही अपने पिता और द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर सिंह के साथ खेल मंत्री किरण रिजिजू की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया था। बबीता अपने और अपने परिवार के जीवन पर लिखी किताब के हिंदी संस्करण अखाड़ा के लॉन्चिंग के मौके पर यहां मौजूद थीं।
बबीता फोगाट ने कहा, 'मैं समाज सेवा के माध्यम से देश के लिए कुछ करना चाहती हूं। यह पार्टी के ऊपर है कि वह मुझे चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लेती है या नहीं।'
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बबीता बाधरा या फिर चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा से जुड़ी हैं। इससे पहले द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित महावीर फोगाट इस साल की शुरुआत में अजय चौटाला की जननायक जनता पार्टी में शामिल हुए थे।
फोगाट परिवार के पार्टी में शामिल होने के बाद खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, 'बीजेपी के लिए यह गर्व की बात है कि दो पहलवान, जिन्होंने भारत को गर्व करने का अवसर दिया है, पार्टी में शामिल हुए हैं।'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय करने के बाद फोगाट परिवार ने न सिर्फ सरकार के इस कदम की सराहना की थी बल्कि बबीता फोगाट ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से की कथित तौर कश्मीरी महिलाओं पर लैंगिकवादी टिप्पणी का भी समर्थन किया. बबीता ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उनके कहे में कुछ भी अपमानजनक नहीं था।
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रोचक है कि अतीत में कई ऐसे उदाहरण हैं जब उन्होंने हरियाणा सरकार की नीतियों के खिलाफ बोला है। इसमें खास तौर से राज्य में एथलीटों के लिए लिए मौद्रिक सुविधाओं का संदर्भ रहा है। वास्तव में हरियाणा पुलिस की पूर्व उप निरीक्षक बबीता ने राज्य सरकार के खिलाफ अपना प्रमोशन रोके जाने के संदर्भ में मामला भी दर्ज किया था। वह मामला हार गई और इस्तीफा दे दिया।