नई दिल्ली। महिला रेसलर विनेश फोगाट टोक्यो से वापस तो लाैटी हैं, लेकिन उनपर आरोप लगे हैं, जिसके कारण भारतीय कुश्ती महासंघ ने मंगलवार को उन्हें अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया। डब्ल्यूएफआई ने खेलों में विनेश की अनुशासनहीनता का हवाला दिया क्योंकि माना जाता है कि स्टार पहलवान ने ओलंपिक गांव में बाकी एथलीटों के साथ प्रशिक्षण लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने ओलंपिक में टीम इंडिया के आधिकारिक किट प्रायोजकों का नाम भी शो नहीं किया।
टोक्यो खेलों के क्वार्टर फाइनल में बेलारूस की पहलवान वैनेसा कलाडजिंस्काया से करारी हार के बाद बाहर हुई विनेश को नोटिस का जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया गया है जिसमें तीन बातों पर अनुशासनहीनता का जिक्र था। अगर डब्ल्यूएफआई विनेश के जवाब से संतुष्ट नहीं होती है, तो लंबे समय तक प्रतिबंध जारी रह सकता है।
विनेश ने गेम्स विलेज के एक ही तल पर रहने और अन्य भारतीय टीम के सदस्यों के साथ प्रशिक्षण लेने से इनकार कर दिया था। विनेश को दूसरी मंजिल पर एक कमरा चाहिए था। वह एक दिन भी अन्य पहलवानों के साथ नहीं रही और न ही उनके साथ प्रशिक्षण लिया। विनेश फोगाट ने वोलर अकोस से ट्रेनिंग ली।
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विनेश ने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजकों, शिव नरेश का नाम भी नहीं पहना था, और अपने मुकाबलों के दौरान नाइकी ब्रांड प्रमोट किया। विनेश टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 53 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बाहर हो गईं। स्टार पहलवान से बहुत उम्मीद की जा रही थी लेकिन वह खेलों में पदक के दौर में भी पहुंचे बिना हार गई। डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, "यह घोर अनुशासनहीनता है। उसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है और सभी कुश्ती गतिविधियों से उसे भाग लेने के लिए रोक दिया गया है। वह किसी भी राष्ट्रीय या अन्य घरेलू स्पर्धाओं में तब तक प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती, जब तक कि वह जवाब दाखिल नहीं करती और डब्ल्यूएफआई अंतिम निर्णय नहीं लेती।"
सूत्र ने कहा, "आईओए ने डब्ल्यूएफआई की खिंचाई की, वे अपने एथलीटों को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते। आईओए इस संबंध में डब्ल्यूएफआई को नोटिस जारी कर रहा है।" टोक्यो में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि विनेश ने उस समय हंगामा किया था जब उन्हें उनकी भारतीय टीम के साथियों सोनम, अंशु मलिक और सीमा बिस्ला के पास एक कमरा दिया गया था लेकिन विनेश ने कहा कि वो भारत से आए हैं वो उनके साथ नहीं रह सकती क्योंकि कोरोना हो सकता है। विनेश ने खेलों में एक शीर्ष पदक दावेदार के रूप में प्रवेश किया था, लेकिन बेलारूस की वैनेसा के खिलाफ हारकर हार का सामना करना पड़ा।
इसके अलावा 19 साल की सोनम को कदाचार के आरोप में नोटिस दिया गया है। समाचार एजेंसी ने कहा कि सोनम ने भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों को टोक्यो ओलंपिक के लिए रवाना होने से पहले डब्ल्यूएफआई कार्यालय से अपना पासपोर्ट लेने का आदेश दिया था। या तो पहलवान या उसके परिवार को पासपोर्ट जमा करना होता है लेकिन सोनम को उसके 'अस्वीकार्य व्यवहार' के लिए दंडित किया गया है। सोनम भी अपने डेब्यू ओलंपिक से बिना मेडल के लौटीं।