|
कुछ ही घटनाओं पर क्यों करता है 'डर'?
कहीं ना कहीं उनका ये बयान बुलंदशहर में मचे उपद्रव के संदर्भ में है, जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। बयान को लेकर योगेश्वर दत्त ने कहा कि आज इस देश में जिन लोगों को अपने बच्चों के लिए डर लग रहा है, वो डर तब कहां था नसीरुद्दीन जी जब 1984 के दंगे हुए, जब 1993 में मुंबई में बम ब्लास्ट हुए, 26/11 का हमला हुआ?
|
'याकूब मेमन की याचिका पर साइन करते डर नहीं लगा?'
योगेश्वर ने नसीर की मंशा पर सवालिया निशान खड़े करते हुए उनसे सवाल दागा कि एक आतंकवादी संगठन ने भारत और बांग्लादेश के नागरिकों का अपहरण कर लिया और बाद में बांग्लादेशियों का धर्म देखकर छोड़ दिया, बाकी के सभी 39 भारतीयों को मार दिया, तब आपको गुस्सा नहीं आया? आतंकी याकूब मेमन की फांसी की दया याचिका पर साइन करते हुए आपको डर नहीं लगा?
|
'नसीरुद्दीन आप किस तरफ हैं, पता लग रहा है'
उसके बाद योगेश्वर ने बुलंदशहर की घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि इससे पहले हुए दंगों में कई लोगों की जान चली गई, लेकिन तब आपने किसी तरह के डर की बात नहीं की। इसके बाद योगेश्वर ने नसीरुद्दीन के स्टैंड पर शक करते हुए कहा कि इससे ही समझ आता है कि आप किस तरफ हैं, कृपया आतंकी पर दया करने के बाद खुद को देशभक्त ना कहें। उसके बाद योगेश्वर ने हाथ जोड़ते हुए जय हिंद, जय भारत बोलकर अपनी बात को खत्म कर दिया।