तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Tokyo Special: जब बमबारी के बीच अटलांटा में लिएंडर पेस ने रचा इतिहास, टेनिस में भारत को जिताया था पहला मेडल

नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच आखिरकार ओलंपिक्स का आयोजन एक साल बाद जापान के टोक्यो में 23 जुलाई से होने जा रहा है। भारतीय दल इसकी जोरों शोरों से तैयारियां कर रहा है। इस बीच हम ओलंपिक्स के इतिहास में भारतीय खिलाड़ियों के पदक विजेता बनने की कहानियां लेकर आ रहे हैं। इसी फेहरिस्त में आज हम भारत के लिये टेनिस में पहला पदक जीतने वाले लिएंडर पेस की कहानी लेकर आ रहे हैं, जिन्होंने 1996 के अटलांटा ओलंपिक्स में भारत के लिये ब्रॉन्ज मेडल जीतने का काम किया था।

आजादी के बाद भारत ने हॉकी में 5 बार गोल्ड, एक सिल्वर और 2 बार ब्रॉन्ज मेडल जीतने का काम किया। इस दौरान हॉकी के अलावा उसने सिर्फ कुश्ती में ही एक मेडल जीतने का काम किया था, लेकिन 1980 के बाद 1996 तक 16 सालों में वो एक भी पदक नहीं जीत पाने का काम किया था और ऐसा लग रहा था कि 1996 में एक बार फिर ऐसा ही देखने को मिलेगा।

और पढ़ें: Tokyo Olympics में इतिहास रचने की कगार पर हैं सानिया मिर्जा, ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनेंगी

लिएंडर पेस ने 16 सालों के बाद भारत को खुशियां मनाने का मौका दिया था हालांकि उनके लिये यह करना आसान नहीं था लेकिन उन्होंने हर वो काम किया जिससे भारत को जश्न मनाने का मौका मिल गया। लिएंडर पेस ने साबित किया कि वो इस मेडल के पूरी तरह से हकदार हैं। 1992 में खेले गये बार्सिलोना ओलंपिक्स में पदक न जीत पाने का गम पेस के दिल में इस कदर था जिसके लिये उन्होंने अपनी ट्रेनिंग को और मजबूत किया एटलांटा ओलंपिक्स का हिस्सा बनने के लिये साउथ अमेरिका के प्ले हार्ड कोर्ट टूर्नामेंट्स से नाम वापस ले लिया और अपनी फिटनेस पर काम किया।

एटलांटा ओलंपिक्स में हिस्सा लेने के लिये लिएंडर पेस काफी मजबूत हालत में थे, उन्हें देखकर साफ लग रहा था कि वो अपने जोन में हैं और इतिहास रचने वाले हैं। अपने पहले मैच में पेस का सामना पीट सैम्प्रास से होना था लेकिन सैम्प्रास ने अपना नाम वापस लेने का काम किया जिसके बाद रिची रेनेबर्ग ने ओलंपिक्स में उन्हें रिप्लेस किया। लिएंडर पेस ने रेनेबर्ग के शानदार डिफेंस को भेदते हुए, थॉमस इंक्विस्ट और रेन्जो फुर्लान को हराने का काम किया और आखिरी 4 में आंद्रे अगासी के सामने उतरे। ऐसा लग रहा था कि लिएंडर पेस इस साल अटलांटा में कुछ भी गलत नहीं होने देंगे।

और पढ़ें: सजन प्रकाश ने रचा इतिहास, टोक्यो ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय तैराक बनें

हालांकि एटलांटा के सेंटेनियल पार्क में हुए बम धमाके ने लिएंडर पेस को डराने का काम किया। वह अपनी टीम के साथ पार्क के अंदर ही थे जब विस्फोट हुआ। विस्फोट के तुरंत बाद लिएंडर पेस अपने साथियों के साथ किसी तरह गेम्स विलेज पहुंचने में कामयाब हो सके, जहां पर अधिकारियों ने सब कुछ बंद करने से तुरंत पहले उन्हें अंदर ले लिया। लिएंडर पेस के लिये यह काफी मुश्किल दौर था, अपनी सोच और डर पर काबू पाकर वापसी करना काफी मुश्किल काम था। सेमीफाइनल मैच में आंद्रे अगासी लिएंडर के लिये काफी मुश्किल साबित हुए। 1996 ओलंपिक से पहले सेमीफाइनल में हारने वाले खिलाड़ी को भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था, लेकिन अटलांटा ओलम्पिक्स में नियम बदल गये थे।

लिएंडर के हाथ में लगी चोट के चलते वह फाइनल में जगह बनाने में नाकामयाब रहे लेकिन भारत के लिये पदक जीतने का उनके पास एक और मौका फर्नांडो मेलिगनी के खिलाफ आया, जहां पर लिएंडर पेस ने टूटी हुई कलाई के साथ कदम रखा। मैच शुरू होने के बाद ऐसा लगा कि जैसे भारत की कहानी एक बार फिर से दोहराई जायेगी और मेलीगेनी ने पहला सेट जीत लिया। दूसरे सेट में फर्नांडो ने लगातार 7 प्वाइंट हासिल कर पेस को बैक फुट पर धकेल दिया। हालांकि दूसरे सेट के चौथे गेम में पेस ने अपने जोन में वापसी की और भारत के बचाव के लिये आये।

यहां से लिएंडर ने जबरदस्त वापसी की और दूसरा सेट जीत लिया और तीसरे सेट में 5-4 से जीत हासिल की और भारत के लिये ब्रॉन्ज मेडल जीतने का काम किया। लिएंडर ने साबित किया कि यह सब दिमाग का खेल है और अपनी दृढ़ इच्छा और विश्वास के जरिये भारत के लिये ओलंपिक्स में मेडल जीतने का काम किया।

Story first published: Tuesday, June 29, 2021, 16:15 [IST]
Other articles published on Jun 29, 2021
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X