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कौन हैं सुमित नागल, जिन्होंने रोजर फेडरर को एक सेट में हराकर रच दिया इतिहास

नई दिल्ली: यूएस ओपन ग्रैंड स्लैम की शुरुआत भारत के लिए सनसनीखेज रही और भारत के युवा टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने रोजर फेडरर के खिलाफ मैच में पहला सेट जीतकर इतिहास रच दिया। वे ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने फेडरर के खिलाफ कोई सेट जीता है। इससे पहले फेडरर का सामना रोहन बोपन्ना और सोमदेव देववर्मन (2 बार) से हो चुका है। पहले सेट में सुमित ने रोजर फेडरर को 6-4 से मात दी थी। हालांकि स्विस लीजेंड फेडरर के सामने 22 साल के युवा नागल को 6-4, 1-6, 2-6, 4-6 से हार का सामना करना पड़ा। नागल भले ही यह मैच हार चुके हों लेकिन रोजर फेडरर 20 बार ग्रैंड स्लैम का खिताब अपने नाम कर चुके हैं, जबकि सुमित नागल का यह पहला ग्रैंड स्लैम मुकाबला था।

हरियाणा के खिलाड़ी हैं नागल

हरियाणा के खिलाड़ी हैं नागल

नागल के इस जीवटता भरे प्रदर्शन की हर ओर तारीफ हो रही है। नागल इस दशक में ग्रैंड स्लैम सिंगल मेन ड्रा में भाग लेने वाले केवल 5वें भारतीय खिलाड़ी हैं। उनकी वर्तमान रैंकिंग 190 है। सुमित नागल हरियाणा के झज्जर जिले के जैतपुर के रहने वाले हैं और यहीं पर उनका जन्म हुआ था। 16 अगस्त 1997 को जन्मे इस खिलाड़ी के परिवार में किसी को भी खेल में दिलचस्पी नहीं थी, उनके पिता सुरेश नागल को हालांकि कुछ हद तक टेनिस में रुचि थी। सुमित के पिता ने ही उन्हें टेनिस खिलाड़ी बनाने के बारे में सोचा था। सुमित महज आठ वर्ष की उम्र से ही टेनिस खेल रहे हैं। 2010 में सुमित का चयन अपोलो टायर की टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में चयन हुआ, जिसके बाद दो साल तक वह महेश भूपति की अकादमी में ट्रेनिंग करते रहे। यही नहीं वह कनाडा, स्पेन, जर्मनी में भी ट्रेनिंग ले चुके हैं।

2015 में विंबलडन जूनियर डबल्स टाइटल जीता-

2015 में विंबलडन जूनियर डबल्स टाइटल जीता-

नागल 2015 में विंबलडन ब्वॉयज डबल्स टाइटल अपने वियतनामी पार्टनर ली हांग नैम के साथ जीत चुके हैं। ऐसा करने वाले वह केवल छठें भारतीय खिलाड़ी थे। नागल ने भारत की ओर से डेविस कप में डेब्यू 2016 वर्ल्ड ग्रुप प्लेऑफ टाई में स्पेन के खिलाफ किया था और यह मैच नई दिल्ली में हुआ था, लेकिन नागल के लिए अगला साल ज्यादा बेहतर नहीं रहा और वे डेविस कप के लिए भारतीय टीम से बाहर हो गए। साल 2019 की शुरुआत उनके लिए शानदार रही। नागल ने यूएस ओपन क्वालिफायर्स में शानदार प्रदर्शन किया जिसने ना केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाया बल्कि पहली बार वे अपने करियर में टॉप-200 में भी आ गए।

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नए कोच ने दी करियर को रफ्तार-

नए कोच ने दी करियर को रफ्तार-

इसी साल में हालांकि नागल को चोटों से भी जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने मजबूती से वापसी की। भारत के डेविस कप कप्तान महेश भूपति ऐसे पहले दिग्गज थे जिन्होंने नागल के अंदर छुपी हुई प्रतिभा को देखा और उनको तराशने के लिए मदद भी उपलब्ध कराई। बता दें कि नागल ने अपना पहला चैलेंजर टाइटल बेंगलुरु 2017 में जीता था लेकिन उसके बाद वह अपनी सफलता को बरकरार नहीं रख पाए और 16 प्रतियोंगिताओं के पहले ही राउंड में नॉक-आउट हो गए। लेकिन बाद में उनको जर्मनी में सर्बिया के कोच मिलोस गैलेसिक के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिला और नतीजे दिखने शुरू हो गए। गौरतलब है कि सोमदेव को भी मिलोस ने ही ट्रेनिंग दी थी।

Story first published: Tuesday, August 27, 2019, 11:48 [IST]
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