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BBC Hindi

सेरेना का यह विंबलडन फ़ाइनल ऐतिहासिक क्यों है?

By Bbc Hindi

टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स ने जब पिछली बार ग्रैंड स्लैम का फ़ाइनल खेला था, तब किसी को नहीं मालूम था कि वो एक महीने से प्रेगनेंट हैं. उन्होंने जनवरी, 2017 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीता और महिला टेनिस में नंबर-1 रैंक भी हासिल की.

अब वो एक बार फिर ग्रैंड स्लैम का फ़ाइनल खेलने वाली हैं.

इस बार टूर्नामेंट विंबलडन का है. हैरत वाली बात ये है कि सेरेना अपनी बेटी ओलंपिया के जन्म के ठीक 10 महीने बाद मैदान पर हैं.

शनिवार को वो एंजेलिक कर्बर से मुक़ाबला करेंगी. अगर वो जीतती हैं तो यह उनका 24वां ग्रैंड स्लैम टाइटल होगा.

बेहद मुश्किल प्रेगनेंसी से गुजरीं सेरेना

माँ बनने के बाद सेरेना ने सिर्फ़ चार टूर्नामेंट खेले हैं, फिर भी वो वर्ल्ड नंबर-8 और फ़ैंस की पसंद बनी हुई हैं.

मैच से पहले उन्होंने बीबीसी स्पोर्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "बच्ची के आने के बाद विंबलडन का यह फ़ाइनल अद्भुत होगा."

उन्होंने कहा, "यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मेरी डिलीवरी बेहद मुश्किल थी. मेरे इतने ऑपरेशन हो चुके हैं कि मैं गिनना भी भूल गई हूँ. एक वक़्त था जब मैं मुश्किल से चल पाती थी."

बच्ची को जन्म देने के बाद सेरेना के फेफड़ों में ख़ून के थक्के बन गए थे और प्रसव के पहले हफ़्ते में उनके चार ऑपरेशन करने पड़े थे.

सेरेना की सिज़ेरियन डिलीवरी हुई थी. माँ बनने के बाद वो तक़रीबन एक हफ़्ते तक अस्पताल में रही थीं और उसके बाद छह हफ़्ते तक घर के बिस्तर पर.

मुश्किल प्रेगनेंसी, मुश्किल कमबैक

36 साल की उम्र में सेरेना की इच्छशक्ति, टेनिस और ज़िंदगी के लिए उनका प्यार देखने लायक है.

एक बच्ची के जन्म के बाद उन्होंने अपने कोर्ट पर आकर अपने कोच तक को चौंका दिया. जल्दी ही उन्होंने मियामी ओपन, इंडियाना वेल्स और फ़्रेंच ओपन में हिस्सा लिया.

जितने कम वक़्त में और जितना मजबूती से सेरेना ने वापसी की, वह अपने आप में एक कहानी है.

अप्रैल, 2017 में जब वो मैटर्निटी लीव पर गईं, तब उनकी रैंकिंग वर्ल्ड नंबर-1 थी.

लेकिन महिलाओं की टेनिस एसोसिएशन के मुताबिक़, इस वक़्त उनकी रैंकिंग 181 है.


माँ बनने के बाद जब सेरेना ने इस साल वापसी की तब उनकी रैंकिंग 451 थी.

ये इसलिए था क्योंकि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले रही थीं और प्रोफ़ेशनल टेनिस से दूर थीं.

माँ बनने के बाद वापसी करना किसी भी खिलाड़ी के लिए शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से मुश्किल होता है.

लेकिन लगता है कि वर्ल्ड टेनिस बॉडी खेल के इस पक्ष को नज़रअंदाज़ करती है.

इस साल खेले गए पहले तीन टूर्नाटमेंट में सेरेना शुरुआती स्तरों पर ही हार गई थीं.

लेकिन इसके बावजूद भी विंबल्डन में उन्हें 25वीं सीडिंग हासिल हुई क्योंकि यहाँ मामला अलग था.

यहाँ पर रैंकिंग ग्रास कोर्ट में खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर तय होती है.

इस तरह सीडिंग के आधार पर फाइनल में उनकी जगह बनने से फिर से ये बहस छिड़ गई कि सीडिंग के नियमों की समीक्षा की जाने की ज़रूरत है या नहीं.

जब अन्य प्रमुख महिला टेनिस खिलाड़ियों जैसे किम क्लिसटर्स और विक्टोरिया अज़ारेंका ने मेटरनिटी लीव से वापसी की थी तब उनके सीड में न होने पर कोई हंगामा नहीं हुआ था.

लेकिन समय बदलने के साथ-साथ इन नियमों की समीक्षा करने को लेकर आवाज़ उठने लगी है.

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Story first published: Saturday, July 14, 2018, 17:35 [IST]
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