टी-20 में जीत का रिकॉर्ड है शानदार
टी20 प्रारूप में भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा को सौंप देने के पीछे का पहला कारण है कि इस फॉर्मेंट में उनका प्रदर्शन विराट कोहली की तुलना में शानदार है। हिटमैन ने भारतीय टीम के लिये कुल 19 टी20 मैचों में शिरकत की है जिसमें से भारत को 15 में जीत मिली है, वहीं वनडे प्रारूप में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम का जीत प्रतिशत 80 है। वहीं टी-20 क्रिकेट में रोहित की कप्तानी के दौरान 78.94 का शानदार जीत प्रतिशत है।
यहां पर विराट कोहली के आंकड़ों की तुलना करें तो टी20 में उनका जीत प्रतिशत 65.71 का है, तो वहीं वनडे में यह 71.83 प्रतिशत है। विनिंग पर्सेंटेज के मामले में रोहित शर्मा मौजूदा विराट कोहली से काफी आगे हैं।
आईपीएल में भी है शानदार रिकॉर्ड
कप्तानी सौंपने का दूसरा अहम कारण है आईपीएल में दोनों खिलाड़ियों का कप्तान के रूप में प्रदर्शन, जहां आरसीबी के कप्तान विराट कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम एक भी खिताब नहीं जीत पाई है, वहीं मुंबई इंडियंस की कप्तानी करने वाले रोहित शर्मा के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। इतना ही नहीं उनकी कप्तानी में मुंबई की टीम अब तक 4 बार खिताब जीत चुकी है।
साल 2013 में रोहित शर्मा को मुंबई इंडियंस की कमान मिली थी और पहले ही साल उन्होंने अपनी टीम को खिताब दिलाया तो वहीं 2015, 2017 और 2019 में भी अपनी टीम को चैम्पियन बनाने का काम किया।
रोहित ने जीते हैं 2 मल्टीनेशन टूर्नामेंट, विराट के खाते में जीरो
इन सबके अलावा कप्तानी को रोहित शर्मा को सौंपने का सबसे अहम कारण है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में जीत दिलाना। इस बारे में बात करें तो रोहित शर्मा की ही कप्तानी में भारत ने 2 बड़े टूर्नामेंट अपने नाम किये हैं तो वहीं पर विराट कोहली की कप्तानी में भारत को अब तक एक भी खिताब हाथ नहीं लगा है।
रोहित शर्मा ने भारत को साल 2018 का एशिया कप और निदाहास ट्रॉफी में जीत दिलाने का काम किया है। वहीं विराट कोहली ने अब तक कोई मल्टिनेशन टूर्नामेंट नहीं जीता है।
साल 2018 के एशिया कप में कुल 6 टीमों ने हिस्सा लिया था और भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में बिना कोई मैच गंवाये जीत हासिल की थी वहीं पर श्रीलंका की धरती पर खेली गई निदहास ट्रॉफी में भारत, बांग्लादेश और मेजबान श्रीलंका ने हिस्सा लिया था जिसमें पहला मैच हारने के बाद भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी की और ट्रॉफी अपने नाम की थी।