शुरुआत में निचले क्रम में आए बल्लेबाजी करने
शुरुआती मैचों में महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी करने के लिए सातवें पायदान पर आए। हालांकि मुंबई इंडियंस के खिलाफ पहले मैच में चेन्नई की टीम को जीत मिली, मैच में जब फिनिशर के तौर पर धोनी की जरूरत थी तो वह काफी नीचे बल्लेबाजी करने आए। धोनी को एक बेहतरीन फिनिशर के तौर पर जाना जाता है, उनके प्रशंसक भी उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रखते हैं। पूरे सीजन में धोनी बल्ले से जूझते नजर आए, जिसके चलते टीम को एक फिनिशर की कमी खली।
केदार जाधव के साथ बने रहे
केदार जाधव का इस सीजन में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। जब भी वह मैदान में उतरे टीम के प्रसंशकों ने धोनी के फैसले पर सवाल खड़ा किया। जिन पांच मैचों में जाधव खेले, उसमे उनका औसत 20.67 रहा, यही नहीं इन मैचों में उनका स्ट्राइक रेट भी बेहद खराब रहा, उन्होंने इन पांच मैचों में 93.94 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। केकेआर के खिलाफ मैच में उन्होंने 12 गेंद पर 7 रन बनाए और टीम को मुश्किल में डाल दिया। वह जडेजा के साथ स्ट्राइक तक रोटेट नहीं कर पा रहे ते। ऐसे में धोनी के इस फैसले पर सवाल खड़ा होता रहा कि आखिर क्यों वह लगातार केदार जाधव के साथ बने रहे।
एन जगदीशान को नहीं दिया मौका
धोनी को उनके जबरदस्त फैसलों के लिए जाना जाता है। उन्हें टीम में युवाओं को मौका देने के लिए जाना जाता है। युवा बल्लेबाज एन जगीदशन को इस सीजन में सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला, इस मैच में उन्होंने 28 गेंद पर 33 रन बनाए। पहले मैंच में किसी भी खिलाड़ी के लिए यह अच्छा प्रदर्शन था, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि धोनी ने उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब केदार जाधव को इतने मौके मिले तो युवा बल्लेबाज को मौका क्यों नहीं दिया गया।
इमरान ताहिर को नहीं मिला एक भी मौका
इमरान ताहिर को शानदार गेंदबाजी के लिए और खेल के प्रति उनके जुनून के लिए जाना जाता है। लेकिन उन्हें एक भी मैच में मौका नहीं मिला। ऐसे में इस सवाल का जवाब देना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता है। 2019 में ताहिर पर्पल कैप हासिल करने वाले खिलाड़ी बनने। ऐसे में जिस मैच में चेन्नई का जीतना बेद जरूरी था, आखिर उसमे उन्हें मौका क्यों नहीं दिया गया।
रैना, भज्जी, ब्रावो की कमी पूरी नहीं
इस आईपीएल सीजन में हरभजन सिंह और सुरेश रैना दोनों ही व्यक्तिगत वजहों से बाहर रहे। दोनों ही खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में चेन्नई की टीम ने उनकी जगह भरने की कोई कोशिश नहीं की। रैना अपनी शानदार बल्लेबाजी और हरभजन सिंह अपनी फिरकी की बदौलत बड़े से बड़े बल्लेबाज को परेशान करने का माद्दा रखते हैं, लेकिन दोनों की कमी को टीम में भरा नहीं गया। वहीं ब्रावो के घायल होने के बाद भी टीम उनकी जगह किसी खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं दे सकी। खुद टीम मैनेजमेंट ने इस बात को स्वीकार किया कि रैना और भज्जी की उन्हें कमी खली।