नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद काफी राजनीतिक तनाव देखने को मिल रहे हैं लेकिन अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने सभी को भरोसा दिलाया है कि देश में क्रिकेट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एसीबी के भरोसे के बावजूद अफगानिस्तान के खिलाड़ी भविष्य को लेकर निश्चित नहीं हैं। तालिबान के कब्जे के बाद से भारी संख्या में लोग देश से पलायन कर रहे हैं। अब इस पूरी परिस्थिति को लेकर अफगानिस्तान के तेज गेंदबाज नवीन उल हक ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया कि कैसे उनके साथी खिलाड़ी डरे और सहमे हुए से महसूस कर रहे हैं।
नवीन उल हक ने कहा कि अफगानिस्तान एक ऐसा देश है जहां पर लोग क्रिकेट से प्यार करते हैं और लोगों के लिये यह खेल से बढ़कर है। उन्होंने आगे कहा कि खेल देश में लोगों को खुश और एक साथ रखने में मदद करती है। मौजूदा हालात को देखते हुए हक का मानना है कि अफगानिस्तान में खेलों की अनिश्चितता को देखते हुए इसमें कोई शक नहीं कि कुछ भी तय नहीं है।
और पढ़ें: 'खिलाड़ी भोंक रहे हैं उनकी पीठ में खंजर', लैंगर कॉन्ट्रोवर्सी पर उस्मान ख्वाजा ने तोड़ी चुप्पी
बीबीसी रेडियो इंटरव्यू के साथ बात करते हुए हक ने कहा,'डर वहां पर खिलाड़ियों की आंखों, उनकी आवाज और यहां तक की उनके मैसेज में नजर आती है। तालिबान ने कहा है कि वो खिलाड़ियों को परेशान नहीं करेंगे लेकिन कोई नहीं जानता। अगर आपको अच्छी खबर मिलती है तो सब लोग एक साथ खुश नजर आते हैं और अफगानिस्तान में यह सिर्फ क्रिकेट के जरिये होता है। यह अफगानिस्तान के लिये काफी जरूरी है और हमारे लोगों के लिये यह खेल से कही ज्यादा है।'
नवीन उल हक इस समय वेस्टइंडीज में कैरिबियन प्रीमियर लीग का हिस्सा बनने की तैयारी कर रहे हैं, जहां पर यह तेज गेंदबाज गुयाना अमेजन वॉरियर्स की टीम की ओर से खेलते नजर आयेंगे। हालांकि देश की हालत को देखते हुए नवीन ने कहा कि खेल पर पूरी तरह से ध्यान लगा पाना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा,'आप इस बारे में एक मिनट के लिये हो और क्रिकेट पर फोकस करने की कोशिश करते हो लेकिन कुछ पल बाद ही यह बातें दिमाग में चीजें आने लगती हैं। मैं यह नहीं कह सकता कि मैं पूरी तरह से फोकस कर पाउंगा क्योंकि जब अपने देश को इस हाल में देखेंगे तो यह कर पाना मुश्किल होता है।'
आपको बता दें कि अफगानिस्तान की टीम को पाकिस्तान के खिलाफ सीमित ओवर्स की सीरीज खेलनी है जिसका आयोजन श्रीलंका में होना है और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की ओर से अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को वीजा की इजाजत दिये जाने के बाद इसका आयोजन होना तय है। पीसीबी ने पहले सीरीज को अपने घर पर आयोजित कराने का प्रस्ताव दिया था लेकिन एसीबी की ओर से हरी झंडी नहीं मिलने पर इसे श्रीलंका में आयोजित किया जा रहा है।