नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान व पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले ने मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ विवाद को लेकर चुप्पी तोड़ी है। अनिल कुंबले की उनकी कोचिंग शैली को लेकर उपजे विवाद को लेकर पीड़ा आखिर सामने आ ही गई।
कुंबले का कहना है कि बेहद अनुशासित परवरिश से वह अपने जीवन में अनुशासन प्रिय बने जिसकी वजह से उन्हें अपने चमकदार करियर के आखिरी दिनों में 'हेडमास्टर' का तमगा भी मिला। कुंबले ने कहा कि 1983 विश्व कप की जीत और ऑस्ट्रेलिया का 2001 का दौरा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुए। कुंबले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नाडेला से उनकी हाल में जारी की गई किताब 'हिट रिफ्रेश' के बारे में बातचीत कर रहे थे। दोनों ने अपनी जिंदगी के 'हिट रिफ्रेश' क्षणों के बारे में काफी बात की।
इसी दौरान उन्होंने कोच विवाद को लेकर भी अपना दर्द साझा किया। नाडेला ने जब कुंबले से पूछा कि उन्हें अपने माता-पिता से क्या सीख मिली, उन्होंने कहा, 'आत्मविश्वास'। कुंबले ने आगे कहा- "यह उन संस्कारों से आता है जो आपको अपने माता-पिता और दादा-दादी, नाना-नानी से मिलते हैं।" कुंबले ने कहा, "मेरे दादा स्कूल में हेडमास्टर थे और मैं जानता हूं कि यह शब्द (हेडमास्टर) मेरे करियर के अंतिम दिनों में मुझसे जुड़ा। इनमें से कुछ समझ जाएंगे (कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं)।"
नवभारत टाइम्स के अनुसार कुंबले ने कहा, 'जब मैं बड़ा हो रहा था तब 1983 विश्व कप की जीत काफी बड़ी थी। उसी से हम सभी को प्रेरणा मिली और यह सोचने लगे की आप अपने देश के लिए खेल सकते हो और दूसरी टीमों को हरा सकते हो। लेकिन अगर आप मुझसे भारतीय क्रिकेट का हिट रिफ्रेश मोमेंट पूछते हैं तो भारत और ऑस्ट्रेलिया की 2001 में भारत में खेली गई सीरीज है।'