नई दिल्ली। क्रिकेट जगत में एक बार फिर से स्पॉट फिक्सिंग के एक मामले ने सनसनी मचा दी है। इस बार ऐतिहासिक एशेज सीरीजी फिक्सिंग के घेरे में है। एशेज पर फिक्सिंग के आरोप के बाद आईसीसी ने इसकी जांच की शुरुआत कर दी है। हालांकि आईसीसी ने फिक्सिंग के आरोपों को काफी गंभीर बताया है। लेकिन एशेज में किसी तरह की फिक्सिंग होने से साफ इन्कार किया है। आईसीसी का कहना है कि पर्थ में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में किसी तरह की फिक्सिंग के सबूत नहीं मिले हैं।
क्या है मामला?
इंग्लैंड के बड़े अखबर द सन ने यह मामला उजागर किया। द सन की रिपोर्ट के अनुसार भारत से दो लोगों ने सट्टेबाजी के लिए 140000 यूरो (12089936 रुपये) की मांग की थी। द सन ने कहा है कि उसके पास ऐसे मैच फिक्सर आए जो पैसे लेकर स्पॉट फिक्सिंग कर सकते थे। अखबरा के मुताबिक उसके पास 2 भारतीय बुकीज आए थे जो एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट को फिक्स कराने की बात कर रहे थे। इनमें से एक भारतीय सट्टेबाज का नाम 'मिस्टर बिग' है। दो सट्टेबाज जिन्होंने पत्रकार से बातचीत की उनके नाम सोबर्स जोबान और प्रियांक सक्सेना बताया जा रहा है।
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पुराने हैं क्रिकेट से रिश्ते
खबर के मुताबिक बलजीत जोबान बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे दिवंगत राजनीतिज्ञ माधवराव सिंधिया के काफी नजदीकी रहे हैं और अब भी उनके नाम से चलने वाले टूर्नामेंट्स के आयोजन में अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि खबर के मुताबिक बलजीत ने बेटे पर लगे इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सोबर्स जोबन ने डीडीसीएम में जूनियर क्रिकेट स्तर पर तो खेला है लेकिन उसके आगे वह क्रिकेट नहीं खेल सका है।