नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के हेड कोच जस्टिन लैंगर की कोचिंग स्टाइल बहुत से कंगारू प्लेयर्स को रास नहीं आ रही है। ऑस्ट्रेलियाई कैम्प में यह दरार तब और खुल गई है जब भारत की नौसिखिया टीम ने उनको 2-1 से मात दे दी है।
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की खबर के मुताबिक इस बात के कई सोर्स हैं जो बताते हैं कि लैंगर से टीम बहुत खुश नहीं है। रिपोर्ट बताती है लैंगर क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपनी कोचिंग को बनाए रखने का दम नहीं रखते। यह भी बताया गया है कि लैंगर का मूड बहुत जल्दी से बदलता है जो खिलाड़ियों को रास नहीं आता।
"... कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी टीम में माहौल को देखकर निराश हो रहे हैं कि कोच की शिफ्टिंग भावनाओं को कैसे देखा जाए और कोच बहुत अधिक सूक्ष्म प्रबंधन करते हैं। उनका कहना है कि गेंदबाजों को लंच ब्रेक के दौरान आंकड़ों और निर्देशों की बौछार के लिए बढ़ाया गया है कि कहां गेंद डालनी है। भारत के खिलाफ गाबा में चौथे और अंतिम टेस्ट के दौरान की यह बात है, "रिपोर्ट आगे कहती है।
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हालांकि लैंगर ने इन सभी बातों को खारिज किया है। उन्होने कहा- "मैं कभी गेंदबाजों को लेकर आंकड़ों की बात करता हूं। मैं गेंदबाजों की किसी भी बैठक में नहीं जाता। मैं ऐसा नहीं करता हूं। मैं कभी भी, कभी भी, किसी भी गेंदबाज से उस तरह के सामान के बारे में बात करता हूं।"
लैंगर के पास अभी 18 महीने की नौकरी बाकी बची है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीम के खिलाड़ियों ने लैंगर की जगह सहायक कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड के साथ करीबी कायम कर ली है क्योंकि उनसे बात करना अधिक आसान दिखा है।
जबकि दूसरी और खिलाड़ियों को लैंगर के कोच के साथ हेडमास्टर सरीखे तरीके अधिक पंसद नहीं है। जबकि लैंगर का कहना है कि वे जो करते हैं वह टीम हित में है क्योंकि इतने अनुभवी खिलाड़ियों की टीम से अधिक अपेक्षा की जाती है।