नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) बेशक, भारतीय क्रिकेट कंटोल बोर्ड (बीसीसीआई) देश का सबसे मालदार खेल संगठन है। बाकी उसके सामने कहीं नहीं टिकते। इसके साथ ही उसके ऊपर तमाम कोर्ट में केस भी चलते रहते हैं।
उन मामलों में अपने को बचाने के लिए वह बड़े से बड़े वकीलों की सेवाएं लेता है। पिछले वित्त साल के दौरान बोर्ड ने बड़े वकीलों को फीस केरूप में 23 करोड़ रुपये दिए।
बहुत मोटा पैसा बनाया
बीसीसीआई को पिछले साले आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपने पूर्व चीफ एन.श्रीनिवासन का बचाव करना पड़ा। उनकी पैरवी कपिल सिब्ब्ल कर रहे थे। जाहिर है, सिब्बल ने बीसीसीआई के वकील के रूप में बहुत मोटा पैसा बनाया।
19.38 करोड़ रुपये का भुगतान
बीसीसीआई के सूत्रों ने बताया कि पिछले वित्त साल के दौरान बोर्ड ने 8 टेस्ट मैचों और 28 वन डे मैच भारत की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ियों को 19.38 करोड़ रुपये का भुगतान किया मैच फीस के रूप में। यानी उसने खिलाड़ियों से ज्यादा तो वकीलों की झोली भरने में खर्च किया।
बोर्ड के ऊपर विदेशी मुद्रा के दुरुपयोग का भी आरोप था। जो एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने उस पर लगाया था। उस केस में अपने बचाव के लिए भी बीसीसीआई ने कई नामवर वकीलों को रखा। यानी उन्हें तगड़ी फीस दी।