नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने बेशक कहा है कि वह महेंद्र सिंह धोनी से उनके भविष्य को लेकर बात करेंगे, लेकिन चयन समिति के अध्यक्ष एम.एस.के. प्रसाद ने गुरुवार को अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं और कहा है कि धोनी को लेकर चयन समिति की राय साफ है, वह आगे से बढ़ चुकी है। इससे यह साफ हो गया है कि कहीं न कहीं नये बीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय चयन समिति दोनों एक साथ नहीं है और प्रसाद की इस बात के बात उन बातों को और बल मिल गया है जिसके अनुसार सौरव गांगुली चयन समिति के सदस्यों को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले अलविदा कह सकते हैं। लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद जो बीसीसीआई का नया संविधान बना है उसके अनुसार एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयनसमिति का कार्यकाल अभी बचा हुआ है, लेकिन बोर्ड के नए अध्यक्ष सौरभ गांगुली फैसला करेंगे कि क्या पैनल को पांच साल का कार्यकाल पूरा करना चाहिए या नहीं।
बीसीसीआई के पुराने संविधान के अनुसार चयनकर्ताओं का कार्यकाल 4 साल का था, लेकिन अब प्रभावी हो चुके संशोधित संविधान में अधिकतम 5 साल के कार्यकाल का प्रावधान है।
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नए संविधान के अनुच्छेद 26(3) में लिखा है, 'किसी भी व्यक्ति जो किसी क्रिकेट समिति का कुल 5 वर्ष तक सदस्य रहा हो वह किसी अन्य क्रिकेट समिति का सदस्य बनने के योग्य नहीं होगा।'
चयनकर्ताओं के साथ सौरभ गांगुली की बैठक के दौरान इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है। चयनकर्ताओं के कॉन्ट्रैक्ट में एक क्लॉज है, जिसमें कहा गया है कि हर सालाना बैठक के दौरान कॉन्ट्रेक्ट को रिन्यू करने की जरूरत होगी। गौरतलब है किप्रशासकों की समिति के 33 महीने के कार्यकाल के दौरान 2017 और 2018 में कोई एजीएम नहीं हुई थी और इस तरह से पैनल बना रहा।
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सौरभ गांगुली ने संकेत दिए हैं कि प्रसाद और खोड़ा की जगह नए सदस्य रखे जाएंगे जबकि परांजपे, गांधी और सरनदीप का एक साल बचा हुआ है। माना जा रहा है कि गांगुली का बयान पुराने संविधान पर आधार था जिसमें चार साल के कार्यकाल (आखिरी वर्ष कार्यकाल बढ़ाये जाने पर निर्भर) था।
बीसीसीआई के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'अध्यक्ष तीन को रख सकता है और दो की जगह नए सदस्य रख सकता और यहां तक कि थोड़े-बहुत बदलाव करके क्रिकेट सलाहकार समिति को पांच नए सदस्य रखने के लिए कह सकता है।'
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आपको बता दें कि एमएसके प्रसाद (दक्षिण क्षेत्र) और गगन खोड़ा (मध्य क्षेत्र) को 2015 में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में नियुक्त किया गया था और नए संविधान के अनुसार उनका कार्यकाल सितंबर 2020 में समाप्त होगा। अन्य चयनकर्ताओं में जतिन परांजपे (पूर्व क्षेत्र), सरनदीप सिंह (उत्तर क्षेत्र) और देवांग गांधी (पूर्व क्षेत्र) ने 2016 में शुरुआत की थी और उनका दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है।