BCCI ने भेजा सिर्फ एक लाइन का बयान
उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई ने फिलहाल इस पर कुछ भी साफ तरीके से नहीं बताया है और सिर्फ एक लाइन का बयान दिया है जिसमें कहा है कि इस साल दुबई में होने वाले आईपीएल के आयोजन में चीनी कंपनी वीवो टूर्नामेंट के साथ नहीं जुड़ेगी।
बीसीसीआई की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार, ‘बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग के लिये अपनी साझेदारी को निलंबित करने का फैसला किया है।'
करार रद्द करने के मूड में नहीं था BCCI
गौरतलब है कि देश भर में लगातार विरोध के बावजूद बीसीसीआई चीनी कंपनी वीवो के साथ अपने करार को सस्पेंड करने के मूड में नही था। जू बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने पहले ही साफ किया था कि इस करार को तोड़ने से भारत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होगा, चूंकि उनके मुताबिक इस करार के जरिये चीनी कंपनी से पैसे आ रहे हैं न कि भारत से चीन जा रहे हैं।
वहीं रविवार को हुई गवर्निंक काउंसिक की बैठक में भी बीसीसीआई ने वीवो समेत अपने सभी चाइनीच स्पॉन्सर के करार को बरकरार रखा था।हालांकि इसके बाद स्वदेशी जागरण मंच और व्यापारी संघ ने बीसीसीआई के इस फैसले का विरोध किया और इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को भी खत लिखा।
जल्द शुरु होगी नये स्पॉन्सर के लिये बोली
आपको बता दें कि वीवो ने साल 2018 से 2022 तक पांच साल के लिये 2190 करोड़ रूपये (प्रत्येक वर्ष करीब 440 करोड़ रूपये) में आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकार हासिल किये थे। करार टूटने के बाद अब बीसीसीआई जल्द ही अपने संविधान के अनुसार नये टाइटल स्पॉन्सर के लिये बोली की प्रक्रिया शुरु करेगा जिसमें उसकी प्राथमिकता भारतीय कंपनी के साथ जुड़ने की ही होगी।
आईपीएल 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होगा जिसे भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों के कारण विदेश में आयोजित कराना पड़ रहा है।