रोटेशन पॉलिसी के तहत गए बाहर
टीम इंडिया के गेंदबाजी कोचर भरत अरुण ने अश्विन व जडेजा की टीम में जगह के बारे में कहा कि ऐसा नहीं है कि वह रेस से बाहर हो गए हैं, उनके पास अभी भी टीम में आने का मौका है। भरत अरुण चहल और यादव की जमकर तारीफ करते हैं और कहते हैं कि दोनों ही खिलाड़ी टीम की रोटेशन पॉलिसी का हिस्सा है, ऐसे में अश्विन व जडेजा को रेस से बाहर नहीं माना जाना चाहिए। लेकिन इन सबके बीच जो बड़ा सवाल खड़ा होता है वह यह कि जिस तरह से जडेजा का प्रदर्शन पिछले कुछ समय में गिरा है क्या उसके बाद वह टीम में फिर से अपनी जगह बना सकते हैं।
113 रन की नाबाद पारी खेली
रवींद्र जडेजा को बतौर ऑलराउंडर के तौर पर जाना जाता है, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के खिलाफ 113 रन की नाबाद पारी खेली थी और सौराष्ट्र को जिताने में अपनी अहम भूमिका निभाई, लेकिन स्पिन गेंदबाजी में वह कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में जडेजा ने कुल चार मैच खेले, लेकिन इन सभी मैचों में उन्हे एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ। सभी चार मैचों में जडेजा ने 32 ओवर की गेंदबाजी की। ऐसे में जडेजा के लिए बड़ी मुश्किल यह है कि उन्हें बतौर गेंदबाज टीम में जगह बनाना आसान नहीं होगा।
जून 2017 में मिला आखिरी वनडे विकेट
जडेजा के करियर पर नजर डालें तो आखिरी बार उन्होंने वनडे में चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश के खिलालफ 15 जून 2017 में विकेट लिया था, जिसके बाद वह एक अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मैचों में किसी भी वनडे मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाए हैं। 15 जून 2017 के बाद जडेजा सीमित ओवर के मैच में कुल 61.4 ओवर डाल चुके हैं लेकिन उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला है। ऐसे में टीम इंडिया में सीमित ओवर के मैच में जडेजा के लिए टीम में वापसी करना आसान नहीं होगा।