नई दिल्ली। भारत के घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में दिल्ली और पंजाब के बीच हुए मैच में उठे विवाद पर अब डीडीसीए के सचिव विनोद तिहारा ने भी अपनी राय रखी है। दरअसल मोहाली के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के इस मैच में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया, जब अंपायर के आउट देने के बावजूद पंजाब के सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने मैदान छोड़कर जाने से इंकार कर दिया और अंपायर को अपशब्द भी कहे। शुभमन गिल के इस व्यवहार के बाद अंपायर ने अपना फैसला बदल दिया जिससे दिल्ली की टीम नाराज होकर मैदान छोड़कर बाहर चली गई।
अब इस मामले पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सचिव विनोद तिहारा ने अपना रुख साफ किया कि हमने उस मुद्दे को वहीं पर खत्म कर दिया था। तिहारा ने कहा कि यह मुद्दा उसी समय खत्म हो गया था और मामले को लेकर मैच रेफरी के सामने शिकायत करने का सवाल ही नही उठता।
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तिहारा ने मैच रेफरी से इस बात की शिकायत के सवाल पर कहा, 'नहीं, हमारी टीम मैच रेफरी से किसी तरह की शिकायत नहीं करेगी क्योंकि हमारा मानना है कि मामला वहीं खत्म हो गया था। खिलाड़ी सिर्फ इस बात पर सफाई चाहते थे कि फैसला क्यों बदला गया। मामले को खींचने की कोई तुक नहीं हैं और ईमानदारी से कहूं तो मैदान छोड़कर भी कोई नहीं गया था। यह सिर्फ जो हुआ उस पर स्थिति स्पष्ट करने की बात थी।'
गौरतलब है कि शुभमन गिल को अंपायर मोहम्मद रफी ने गुरुवार को मैच के दौरान आउट करार दिया जिसके बाद वह फैसले से खुश नहीं थे और इसलिए उन्होंने क्रीज भी नहीं छोड़ी और अंपायर ने फैसला बदल दिया। दिल्ली के कप्तान नीतीश राणा ने फैसले के विरोध में अंपायर से बात की लेकिन जब बात नहीं बनी तो मैदान से बाहर जाने का फैसला किया।
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इस दौरान करीब 10 मिनट तक मैच रुका रहा। मैच रेफरी पी. रंगानाथन को बीच बचाव करने के लिये मैदान में कूदना पड़ा और आखिरकार मैच फिर से शुरू हुआ। अंत में 20 साल के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल सिमरनजीत सिंह का शिकार होकर वापस पवेलियन लौटे। वह 41 गेंदों पर 23 रन बनाकर आउट हुए।