नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने बोर्ड को स्पष्ट कर दिया है कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली हितों के टकराव के दायरे में आते हैं और उन्हें अपने हितों को त्यागना होगा और एक से अधिक पदों पर बिल्कुल नहीं रहना होगा। हालांकि जैन ने बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के इस अध्यक्ष को शक के आधार पर छूट दे दी है लेकिन साथ ही यह भी बताया है कि गांगुली को एक से ज्यादा पदों पर काम नहीं करना है।
इसे लेकर जैन ने बीसीसीआई को एक ईमेल लिखा है। उन्होंने कहा, 'हालिया मामले में, गांगुली को जो नोटिस दिया गया था जिसमें लिखा था कि अगर एथिक्स अधिकारी को लगा कि सीएसी में उनका रहना हितों के टकराव का मुद्दा है जो नियम 38 में है, ऐसे में इन शिकायतों को लेकर उनका जवाब तुरंत प्रभाव से उनके इस्तीफे के तौर पर मान लिया जाएगा, दूसरा यह कि उनका आईपीएल फ्रैंचाइजी से करार मई 2019 से खत्म होगा। मैं यह साफ करता हूं कि इस मामले में हितों का टकराव कंट्रोल किया जा सकता है।
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उन्होंने कहा, 'हालांकि यह साफ है कि कानून का ज्ञान ना होना बहाना नहीं हो सकता और मिस्टर गांगुली को 38(2) के नियम के तहत जरूरी जानकारी देनी थी, लेकिन इस बात को ध्यान में रखते हुए कि नियम अगस्त 2018 से अस्तित्व में आया, मैं मिस्टर गांगुली को संदेह का लाभ दे रहा हूं कि शायद पद स्वीकार करते हुए उनको यह पता न हो कि यहां हितों का टकराव है।'
उन्होंने लिखा, 'साथ ही, मैं बीसीसीआई को निर्देश देता हूं कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि गांगुली ऐसी स्थिति से बचें जहां हितों का टकराव आड़े आए और उन्हें नियम 38 (4) के मुताबिक एक समय पर एक ही पद पर ही बना रहना चाहिए।