नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कोर्ट की अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को बिना शर्त माफी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को राहत देते हुए उन्हें अगली सुनवाई पर खुद ना आने के लिए भी छूट दे दी है।
ठाकुर ने माफी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना का उनका उद्देश्य कभी नहीं रहा है, फिर भी कोर्ट को लगता है तो मैं बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगता हूं। झूठी गवाही के एक अन्य मामले में भी ठाकुर ने कोर्ट से माफी मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया था पद से बर्खास्त
बीसीसीआई में सुधारों को लेकर जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने संबंधी एक आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 जुलाई को दिया था, जिसे बीसीसीआई लागू ने लागू नहीं किया। इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए 2 जनवरी को बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से बर्खास्त कर दिया था।
साथ ही नोटिस भी जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर से पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए? सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद चार सदस्य कमेटी को बीसीसीआई के कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया है। आपको बता दें कि बीते साल से ही बीसीसीआई और सुप्रीम कोर्ट कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठिक जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई के कामकाज में कई सुधारों की जरूरत बताई थी और कई अहम सुधारों क जिक्र अपनी रिपोर्ट मे ंकिया ता। इन सुधारों को लागू करने को लेकर बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी राजी नहीं थे, जिस पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को हटा दिया था।
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