नई दिल्ली। खेल जगत में उत्साह खिलाड़ियों को एक नया मुकाम और नई पहचान देता है, लेकिन उत्साह और अतिउत्साह के बीच के फर्क को जब कोई खिलाड़ी या समर्थक भूल जाता है तो उसका प्रदर्शन,उसकी काबिलियत सब धूमिल होने लगती है। खेल में हारना जीतना स्वाभाविक है। कभी बेहतर प्रदर्शन कर लोगों की जुबान पर राज करना तो कभी समर्थकों को निराश कर निाशाजनक प्रदर्शन करना ये दोनों ही बातें खेल का हिस्सा हैं, लेकिन कभी-कभी आप जीतने पर इतने अहमी हो जाते हैं कि आपको लगता है कि आप ही बेस्ट हैं, ऐसा ही इन दिनों इंग्लैंड के कुछ समर्थकों को भी लग रहा है जब इंग्लैंड ने भारत को 2-0 से हराकर सीरीज में बढ़त बना ली है।
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इस जीत से अतिउत्साहित इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत की शर्मनाक हार के बाद 'विराट एंड कंपनी' में जुझारूपन के अभाव की आलोचना करते हुए कहा कि अब यह 'मर्दों और बच्चों' के बीच का मुकाबला हो गया है। गौरतलब हो कि इंग्लैंड ने पहले एजबेस्टन में भारत को 31 रन से हराने के बाद लार्ड्स में भारत को पारी और 159 रनों से हराया था। वहीं दूसरे मुकाबले में भारतीय बल्लेबाज पहली इनिंग में 107 तो दूसरी में 130 रन पर ऑलआउट हो गई थी। ऐसे में विराट एंड टीम की नजर अब नासिर के इस बयान पर करारा जवाब देने में होगी। गौरतलब हो कि दोनों टीमों के बीच अगला टेस्ट मुकाबला 18 अगस्त से शुरू होगा।