पिच को सही से पढ़ नहीं सके विराट
विराट कोहली ने इस पिच को उतनी सटीकता से नहीं पढ़ा जितनी कीवी कप्तान केन विलियमसन ने पढ़ लिया था। न्यूजीलैंड ने इस धीमी पिच को पहले ही भांपकर उसी अंदाज में बल्लेबाजी की थी जैसी की दरकरार थी। इस मामले में उनको किस्मत का भी बखूबी साथ मिला और टॉस जीतकर कीवी टीम ने पहले बल्लेबाजी की। न्यूजीलैंड ने विकेट ना खोते हुए धीमे अंदाज में अपने स्कोर को 240 रनों तक पहुंचाया जो अंत में निर्णायक साबित हुआ। जबकि विराट इस मैच में केवल पांच गेंदबाजों के साथ ही उतरे थे। केन विलियमसन ने मैच के बाद इस बात का खुलासा किया है कि वह और रॉस टेलर इस बात को लेकर निश्चित थे कि टीम का स्कोर 240 तक पहुंचाना है। इस बात बताती है कि न्यूजीलैंड ने धीमी नहीं बल्कि चतुराई भरी बल्लेबाजी करी।
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भारतीय गेंदबाजी संयोजन
विराट कोहली ने इस मैच में कुलदीप की जगह फिर से जडेजा को मौका दिया गया था लेकिन शमी को बाहर बैठाया गया था। भारतीय गेंदबाजी संयोजन अंत तक योजना के मुताबिक काम नहीं कर सका। अगर आपको याद हो तो भुवनेश्वर और बुमराह ने शुरुआती ओवर में जबरदस्त दबाव बनाया था लेकिन बाद में विशेषज्ञ गेंदबाज की कमी के चलते यह दबाव आगे जारी नहीं रह सका। भारतीय ऑलराउंडर्स ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन वे बीच के ओवर में विशेषज्ञ गेंदबाज की तरह से विकेट नहीं निकाल सके। इसके अलावा टेलर को भी जमने का मौका मिल गया और बाद में उनकी 74 रनों की पारी मैच में फर्क करने वाली साबित हुई।
बड़े मैच में कोहली का टॉप ऑर्डर फेल
भारत के लिए बड़े मैचों में सबसे बड़ी चिंता की बात केवल यही रहती है कि गेंदबाजी ज्यादा पिटाई ना खाए और टॉप ऑर्डर अन्य आसान मैचों की तरह से बड़े मैचों में भी अपनी भूमिका को अंजाम दे। लेकिन इस काम में सबसे बड़ी रुकावट खुद कप्तान कोहली ही साबित होते हैं। बता दें कि रोहित, राहुल और कोहली ने इस मैच में केवल एक-एक रनों का योगदान दिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि कोहली विश्व कप के 6 नॉकआउट मुकाबलों में अब तक केवल 73 ही रन बना पाए हैं और उनका औसत मात्र 12.16 का और स्ट्राइक रेट केवल 56.15 का रहा है। उन्होंने इस दौरान सर्वाच्च स्कोर केवल 35 रन बनाया था जबकि चार मौकों पर तो वे खाता भी नहीं खोल सके।
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बल्लेबाजी क्रम और खराब शॉट्स
भारत की बल्लेबाज जितनी इस मैच में खराब रही उतनी विश्व कप के अन्य किसी मैच में खराब नहीं रही। रोहित शर्मा और विराट कोहली जहां कुछ अच्छी गेंदों पर आउट हुए तो वहीं केएल राहुल जैसा बल्लेबाज फिर से घटिया शॉट खेलकर अपनी बल्लेबाजी पर सवाल छोड़ गया। राहुल ने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर बल्ला भांजने की तब कोशिश की जब भारत पहले ही रोहित और विराट को गंवा चुका था। रही-सही कसर कोहली ने अजीबोगरीब बल्लेबाजी क्रम सेट करके खड़ी कर दी। कोहली ने मुश्किल परिस्थितियों में धोनी की जगह पर कार्तिक, पंत और पांड्या को भेज दिया। पंत और पांड्या ने अच्छी शुरुआत तो की लेकिन ये सभी एक-एक खराब शॉट खेलकर चलते बने। सभी बल्लेबाजी हवा में लपके गए। सौरव गांगुली ने खुद विराट कोहली की सोच पर हैरानी जताई है कि टीम की सबसे मुश्किल परिस्थितियों में टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज को ऊपर क्यों नहीं भेजा गया। अगर धोनी ऊपर आकर पारी को संभालते तो निचले क्रम पर पांड्या, पंत या कार्तिक में कोई जडेजा के साथ तेज गति से रन बना सकता था।