नई दिल्ली: गौतम गंभीर कभी भी अपनी राय देने में हिचकते नहीं हैं। चाहे वह राजनीतिक मामला हो या फिर क्रिकेट से जुड़ी कोई बात, गंभीर हर बार बेबाकी से अपनी बात रखते हैं। आजकल क्रिकेट में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खुमार छाया हुआ है। हेडिंग्ले में हुए एशेज टेस्ट ने इसको और भी ज्यादा रोचक बना दिया है। लेकिन क्या टेस्ट क्रिकेट के लिए केवल चैंपिनयशिप ला देना ही काफी होगा? गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट की रोचकता को बरकरार रखने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
गंभीर ने कहा- टेस्ट क्रिकेट को खुद ये देखना होगा कि वो इस समय टी20 और अन्य तरह के रोमांचक टूर्मामेंट्स में कहा पर खड़ा है। मैं एक घोर परंपरावादी इंसान हूं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट लाखों लोगों तक पहुंचना चाहिए। असली मु्द्दों को निपटाया जाना चाहिए। गंभीर ने यह बार टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे अपने एक कॉलम में कही। भारत के लिए 58 टेस्ट, 147 ODI और 37 टी20 मैच खेलने वाले गंभीर ने कहा कि वे वित्तीय जरूरतों को समझ सकते हैं लेकिन ये अजीब है कि एक ही गेम में आप अलग-अलग उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं।
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उनका इशारा साफ तौर पर अलग-अलग जगह इस्तेमाल होने वाली अलग-अलग गेंदों पर था। बता दें कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जैसे देशों में जहां ड्यूक गेंद इस्तेमाल होती है तो वहीं दुनिया के बाकी प्रमुख क्रिकेट देशों में कुकाबुरा का बोलबाला है। जबकि भारत में स्थानीय स्तर पर बनाई जाने वाले एसजी गेंद इस्तेमाल होती है। गंभीर का कहना है कि आईसीसी टेस्ट क्रिकेट में गेंद के इस्तेमाल के लिए पैरामीटर तय करे और गेंद निर्माताओं के लिए टेंडर जारी करे। गंभीर का सुझाव है कि जो भी यह टेंडर हासिल करेगा वह आईसीसी के साथ मिलकर गेंद बनाने पर काम कर सकता है।